जम्मू & कश्मीर के शोपियां में पत्थर फेंकने वाली भीड़ पर फायरिंग मामले में मेजर आदित्य के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। आपको बता दे कि शोपियां फायरिंग केस में एफआईआर के बाद मेजर आदित्य के पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पिता ने सर्वोच्च अदालत से अपील की है कि उनके बेटे पर दर्ज एफआईआर रद्द की जाए। वही , इस मामले पर 8 फरवरी को कोर्ट में सुनवाई होगी।
10 गढ़वाल राइफल के मेजर आदित्य कुमार के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल कर्मवीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा कि राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान को बचाने के लिए और जान की बाज़ी लगाने वाले भारतीय सेना के जवानों के मनोबल की रक्षा की जाए।
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से राज्य में राजनीतिक नेतृत्व द्वारा FIR का चित्रण किया गया और राज्य के उच्च प्रशासन प्रोजेक्ट किया गया इससे लगता है कि राज्य में विपरीत स्थिति है। ये उनके बेटे उनके लिए समानता के अधिकार और जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन है।
पुलिस ने इस मामले में बेटे को आरोपी बना कर मनमाने तरीके से काम किया है। ये जानते हुए भी की वो घटना स्थल पर मौजूद नहीं था और सेना के जवान शांतिपूर्वक काम कर रहे थे। जबकि हिंसक भीड़ की वजह से वो सरकारी संपत्ति को बचाने के लिए कानूनी तौर पर कार्रवाई करने के लिए मजबूर हुए।
सेना का ये काफ़िला केंद्र सरकार के निर्देश पर जा रहा था और अपने कर्तव्य का पालन कर रहे थे ये कदम लिया गया जब भीड़ ने पथराव किया और हिंसक भीड़ ने कुछ जवानों को पीट पीटकर मार डालने की कोशिश की और देश विरोधी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई से रोकने की कोशिश की गई। इस तरह का हमला सेना का मनोबल गिराने के लिए किया गया।
याचिका में मांग की गई है कि आतंकी गतिविधियों और सरकारी सम्पतियों को नुकसान पहुचाने और केंद्रीय कर्मचारियों के जीवन को खतरे में डालने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और पूरे मामले की जांच दूसरे राज्य में किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए।
आपको बता दे कि बीते 3 वर्ष में कश्मीर घाटी में पथराव की 4736 घटनाओं में करीब 11566 सुरक्षाकर्मी घायल हुए।
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