BSF Action in Jammu : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने जम्मू बॉर्डर पर दो हजार कर्मियों वाली दो बटालियन की तैनाती की है। इससे पाकिस्तान से घुसपैठ को रोका जा सकेगा। साथ ही क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाई जाएगी। ये तैनाती अंतरराष्ट्रीय सीमा की जीरो लाइन से ठीक पीछे रक्षा की दूसरी पंक्ति के रूप में गहराई वाले क्षेत्रों में की गई है। दोनों बटालियन को ओडिशा के नक्सल विरोधी अभियान से वापस बुलाया गया था। सूत्रों के अनुसार, यह कार्य सर्दियों की शुरुआत से पहले पूरा किया जाना था। दरअसल, इस मौसम में पाकिस्तान से घुसपैठ के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सीमा को सुरक्षित करना चुनौतीपूर्ण होता है।
इन संवेदनशील जगहों पर हुई तैनाती
जवानों को सांबा, जम्मू और कठुआ क्षेत्र के आसपास अन्य संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया है। सीसीटीवी कैमरों की सहायता से तैनाती बिंदु भी बनाए गए हैं। जम्मू क्षेत्र में बॉर्डर का 485 किलोमीटर हिस्सा है, जो घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों से घिरा है। जम्मू अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में 12 बीएसएफ बटालियन तैनात हैं।
गश्ती पड़ावों को बनवाया जा रहा
बटालियन के लिए रसद व्यवस्था की जा रही है। अस्थायी-स्थायी ठिकानों एवं गश्ती पड़ावों को बनवाया जा रहा है। इनको जुलाई से अगस्त में ओडिशा के कोरापुट और मलकानगिरी जिलों से वापस बुलाया गया था, जहां उन्हें नक्सल विरोधी अभियान चलाने के लिए तैनात किया गया था।
इन इलाकों में इस साल आतंकियों ने किए हैं हमले
इसी साल राजोरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, कठुआ, डोडा जिलों में हमलों के बाद जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हमलों में 18 सुरक्षा कर्मी बलिदान और ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीजी) के सदस्यों समेत 40 से अधिक लोग मारे गए हैं। इस दौरान सुरक्षाबलों ने भी कई आतंकियों को ढेर किया है।