सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को एक बार फिर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आ जाए, नहीं तो सेना के पास सभी विकल्प खुले हैं। रावत ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पाकिस्तान अच्छी तरह से यह बात जानता है कि वह अपने नापाक इरादों में कभी कामयाब नहीं होगा।
रावत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को समझ लेना चाहिए कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। दरअसल, शनिवार को जनरल बिपिन रावत इन्फैंट्री दिवस पर इंडिया गेट स्थिति अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों के हमले में शहीद हुए जवान के मामले में पाकिस्तान को निशाने पर लिया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि पत्थरबाजों ने एक जवान को पत्थर से हमला कर मार डाला। फिर भी लोग कहते हैं कि पत्थरबाजों को आतंकी ना माना जाए। रावत ने बताया कि पत्थरबाजों के साथ भी आतंकवादियों की तरह ही सलूक क्यों ना किया जाए। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस जवान की पत्थरबाजी की घटना में मौत हुई है, वो सीमा सड़क टीम की सुरक्षा में लगा था, जो सड़कों का निर्माण कर रही है। रावत ने आगे कहा कि किसी कीमत पर भारत की सेना कश्मीर का बचाव करने के लिए सक्षम है।
जम्मू कश्मीर : अनंतनाग में प्रदर्शनकारियों ने की पत्थरबाजी, चोट लगने से जवान की गई जान
उन्होंने कहा कि भारत में घुसपैठ कर पाकिस्तान बेकार कोशिशें कर रहा है क्योंकि उसके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। जनरल बिपिन रावत ने कहा, ‘पाकिस्तान अच्छी तरह जानता है कि वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होगा, वे दहशतगर्दी इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें मुद्दा गरमाए रखना है। वे कश्मीर में विकास का काम रोकना चाहते हैं लेकिन कश्मीर हर तरह की परिस्थिति से निपटने को तैयार है। हमलोग अलग तरह की कार्रवाई करने में भी सक्षम हैं।’
बता दें कि अनंतनाग में गुरुवार की शाम पत्थरबाजी में घायल हुए सेना की क्विक रिएक्शन टीम के जवान की शुक्रवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। शहीद की शिनाख्त सिपाही राजेंद्र सिंह के रूप में हुई है जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के बदैना गांव के थे। वीरवार की शाम लगभग छह बजे बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन का काफिला हाईवे पर अनंतनाग बाईपास के पास से गुजर रहा था तभी पत्थरबाजी की चपेट में आ गया। राजेंद्र काफिले की सुरक्षा में तैनात थे जिन्हें सिर पर चोट आई। उन्हें इलाज के लिए श्रीनगर के 92 बेस अस्पताल ले जाया गया था।