सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई तक गर्मी की छुट्टियों के बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर सकता है। इस बीच पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने के बाद वहां लागू किए गए सभी कानूनों को भी पलट देगा।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘एक राज्य के कानूनी और संवैधानिक विशेष दर्जे को छीनकर उसे दो हिस्सों में बांट दिया गया और अधिकारविहीन बना दिया गया। फिर भी सुप्रीम कोर्ट को मामले को सूचीबद्ध करने में तीन साल लग गये।’’
A state robbed of its legal & constitutional special status was cleaved into two & disempowered. Yet it took SC 3 years to list the case. Hope the Hon’ble Court stays not only revocation of Article 370 but also reverses all the illegal laws brought in. https://t.co/i3EQksS8JY
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 26, 2022
उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट न केवल अनुच्छेद 370 को समाप्त किये जाने पर स्थगन आदेश देगा बल्कि यहां लागू किये गये सभी अवैध कानूनों को वापस लेगा।’’ दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त किए जाने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले के खिलाफ दायर अनेक याचिकाओं को ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई।
उसी पृष्ठभूमि में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा की प्रतिक्रिया आई है। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करके जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छीन लिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। जम्मू और कश्मीर को संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A (राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से बनाया गया) के तहत एक विशेष दर्जा दिया गया था।