जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मुस्लिमों के लिए एक अलग राज्य की मांग की आज निंदा की। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा, ‘‘ जम्मू कश्मीर कभी भी हमारे देश के विभाजन में एक पक्ष नहीं था और न ही हमने धार्मिक आधार पर विभाजन का समर्थन किया।
एक राज्य के रूप में हमने दूसरा विकल्प चुना, लेकिन दुर्भाग्य से अब भी कीमत चुका रहे हैं। मैं ऐसे किसी बयान की निंदा करती हूं जिसमें भारत में मुस्लिमों के लिए एक अलग राज्य की मांग की गयी हो।’’
उन्होंने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन जाहिरा तौर पर उनका बयान जम्मू कश्मीर के डिप्टी ग्रैंड मुफ्ती नासिर उल इस्लाम के बयान के संदर्भ में है। नासिर उल इस्लाम ने कल आरोप लगाया था कि देश में मुस्लिम दयनीय जीवन जी रहे हैं और उन्हें भारत में अलग राज्य की मांग करनी चाहिए।
आपको बता दे कि इससे पहले जम्मू कश्मीर मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के उपाध्यक्ष और राज्य के डिप्टी ग्रांड मुफ्ती आजम नासीर-उल-इस्लाम ने बीते 30 जनवरी को बेहद विवादित बयान दिया था डिप्टी ग्रांड मुफ्ती नासिर-उल-इस्लाम ने भारत में रहनेवाले मुसलमानों से कहा है कि वह अपने लिए अलग देश की मांग करें। उन्होंने आरोप लगाया कि लव जिहाद, गौरक्षा और ट्रिपल तलाक के नाम पर अल्पसंख्यकों को परेशान किया जा रहा है।
भारत में मुस्लिमों की आबादी दुनिया में दूसरे नंबर पर है। पाकिस्तान सिर्फ 17 करोड़ लोगों को लेकर बना था। अगर भारत में मुसलमानों को परेशानी जारी रही तो हमें एक अलग देश बनाना होगा। मुस्लिम समुदाय को अलग देश की मांग करनी चाहिए। नसीर-उल-इस्लाम ने यह भी कहा कि सरकार मुस्लिम समुदाय की समस्याओं पर गौर नहीं कर रही।
हमें मुफ्ती नासिर-उल- इस्लाम का थोड़ा इतिहास भी जान लेना चाहिेए। नासिर-उल-इस्लाम के पिता बशीरुद्दीन कश्मीर में ग्रांड मुफ्ती हैं। मुफ्ती बशीरुद्दीन ने कश्मीरी पंडितों को फिर से घाटी में बसाने का विरोध किया था।
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