कुलगाम (कश्मीर) : चक अशमुजी गांव के निवासियों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले लांस नायक नजीर अहमद वानी को सोमवार को अश्रुपूर्ण विदाई दी। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में एक मुठभेड़ के दौरान वानी शहीद हो गये जिसमें छह आतंकवादी भी मारे गये थे। सैनिक का पार्थिव शरीर तिरंगे में लपेट कर कुलगाम में उनके पैतृक गांव अशमुजी लाया गया और उनके परिजनों को सौंपा गया।
ताबूत के साथ आये सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वानी शुरूआत में एक आतंकवादी था और हिंसा की निरर्थकता महसूस करने के बाद वह सेना में शामिल हो गया। अधिकारी ने बताया, ‘‘परिवार के आंसू रूक नहीं रहे हैं और उन्हें इस बात का गौरव है कि लांस नायक वानी के देश और अपने राज्य की शांति के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।’’ रीति-रिवाजों के बाद शव को दफनाने के लिए नजदीक के एक कब्रगाह ले जाया गया जहां 500 से 600 ग्रामीण मौजूद थे।
वानी को सुपुर्द ए खाक करते समय 21 तोपों की सलामी दी गई। गांव कोनिमूह जैसे इलाकों से घिरा हुआ है जो आतंकवादी गतिविधियों के लिए कुख्यात है। मौत पर शोक जताने के लिए उनके आवास पर ग्रामीण सोमवार सुबह से जमा होने लगे थे। वानी 2004 में प्रादेशिक सेना की 162 वें बटालियन में शामिल हुआ था। रविवार को हुई मुठभेड़ के दौरान शहीद होने वाले वानी के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। बच्चों की उम्र 20 और 18 साल है।