कठुआ में दुष्कर्म के बाद मौत के घाट उतार दी गई 8 साल की मासूम बच्ची के परिवार ने अपनी वकील दीपिका राजावत को हटाने का फैसला किया है। कठुआ पीड़िता के पिता ने कहा कि दीपिका अदालत में सुनवाई के दौरान बमुश्किल ही उपलब्ध होती हैं। परिवार के एक करीबी ने कहा कि पीड़िता के पिता ने पंजाब की पठानकोट अदालत में आवेदन दाखिल किया है, जहां मामले को स्थानांतरित किया गया था।
आवेदन में कहा गया है कि दीपिका रजावत उनका प्रतिनिधित्व नहीं करेंगी और उनसे वकालतनामा वापस लिया जा रहा है। कठुआ पीड़िता के पिता ने बुधवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि अदालत द्वारा मामले में अभी तक 100 बार सुनवाई हो चुकी है और सुनवाई के दौरान करीब 100 गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है लेकिन दीपिका रजावत परिवार की ओर से केवल दो बार ही पेश हुई हैं।
दीपिका रजावत ने मीडिया को बताया कि जब से वह मामले से जुड़ी हैं तब से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। घुमंतू परिवार की मामले में अगुवाई करने की घोषणा के बाद रजावत ने अखबारों की सुर्खियां बटोरी थीं। जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ जिले के रसाना गांव में जनवरी में 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। अपराध के कथित मास्टर माइंड सांझी राम सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।