अपनी सरजमीं छोड़ कर पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों की शरण में गये जम्मू-कश्मीर के दस बाशिंदों ने वहां अपनी व्यापार कंपनियां खोल ली थी और वे नियंत्रण रेखा के जरिये व्यापार की आड़ में घाटी में आतंकवादी गतिविधियों के लिए अवैध हथियार, मादक पदार्थ और जाली मुद्रा भेज रहे थे। इसकी पुख्ता जानकारी मिलने के बाद सरकार ने हाल ही में जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के जरिये पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में होने वाले इस व्यापार पर रोक लगा दी।
खुफिया एजेन्सियों के अनुसार उन्हें जानकारी मिली है कि ये 10 आतंकवादी मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। ये सीमा पार कर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों की शरण में चले गये थे। जांच और रिकार्डों को खंगालने से पता चला है कि उन्होंने पाकिस्तान में अपनी व्यापारिक कंपनियां खोल लीं थीं और नियंत्रण रेखा के जरिये व्यापार की आड़ में आतंकवादी गतिविधियों के लिए अवैध हथियार, मादक पदार्थ और जाली मुद्रा भेज रहे थे। इनके नाम बशरत अहमद भट, शब्बीर इलाही, शौकत अहमद भट, नूर मोहम्मद गनी खुर्शीद, इम्तियाज अहमद खान, आमिर, सयैद अजय अहमद शाह उर्फ एजाज रहमानी, मेहराजुद्दीन भट और नाजिर अहमद भट हैं।
खुफिया एजेन्सियों को यह भी पता चला है कि इन आतंकवादियों की कंपनियां जम्मू-कश्मीर में स्थित कंपनियों के साथ एलओसी के जरिये व्यापार कर रही थी।
जम्मू कश्मीर में जो कंपनियां हैं वे ज्यादातर इन आतंकवादियों के रिश्तेदारों की ही हैं। ये कंपनी नियंत्रण रेखा के दोनों ओर रहने वाले स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए शुरू किये गये व्यापार मार्गों का दुरूपयोग कर अवैध और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए धन मुहैया करा रही थी। ये व्यापारी भारत विरोधी तत्वों और आतंकवादियों के खातों में पैसा जमा कराती थी। इसे देखते हुए सरकार ने इस व्यापार पर गत 19 अप्रैल से रोक लगा दी थी।
बशरत अहमद मूल रूप से बडगाम जिले के करीम शोरा का रहने वाला है और वह 1990 के दशक में पाकिस्तान चला गया था। अभी वह रावलपिंडी में रहता है और अल नासिर ट्रेडिंग कंपनी चलाता है। वह नियंत्रण रेखा के जरिये होने वाले व्यापार में सक्रिय था। इन आतंकवादियों की कंपनियां जम्मू-कश्मीर में स्थित कंपनियों के साथ एलओसी के जरिये व्यापार कर रही थी। जम्मू कश्मीर में जो कंपनियां हैं वे ज्यादातर इन आतंकवादियों के रिश्तेदारों की ही हैं।
ये कंपनी नियंत्रण रेखा के दोनों ओर रहने वाले स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए शुरू किये गये व्यापार मार्गों का दुरूपयोग कर अवैध और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए धन मुहैया करा रही थी। ये व्यापारी भारत विरोधी तत्वों और आतंकवादियों के खातों में पैसा जमा कराती थी। इसे देखते हुए सरकार ने इस व्यापार पर गत 19 अप्रैल से रोक लगा दी थी। एजेन्सियों के अनुसार शब्बीर इलाही सोपोर का रहने वाला है। वह प्रतिबंधित संगठन हिज्बुल मुजाहीद्दीन का सक्रिय सदस्य है और राष्ट्रीय जांच एजेन्सी ने उसके खिलाफ एक मामले में आरोप पत्र दायर किया है। उसकी कंपनियों का नाम एम एन ट्रेडिंग कंपनी और सुल्तान ट्रेडर्स है।
शौकत अहमद भट बडगाम जिले का रहने वाला है और वह 1990 के दशक में हथियारों की ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान गया था। वहां वह आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया। अभी वह रावलपिंडी में रह रहा है और तहा इंटरप्राजेज के नाम से कंपनी चला रहा है। बडगाम का एक और निवासी मोहम्मद इकबाल भी उसकी कंपनी से जुड़ हुआ है। नूर मोहम्मद गनई बडगाम जिले के बीरवा का रहने वाला है। वह भी 1990 में हथियारों की ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान गया था। वह अभी रावलपिंडी में रहता है और अल नूर नाम की कंपनी चलाता है।
खुर्शीद मूल रूप से श्रीनगर का रहने वाला है। वह भी पाकिस्तान चला गया था और एक आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया। अभी वह इस्लामाबाद में रहता है और मेसर्स खुर्शीद एंड संस मुजफ्फराबाद नाम से कंपनी चला रहा है। इम्तियाज अहमद खान भी मूल रूप से बडगाम का रहने वाला है और वह भी पाकिस्तान जाकर एक आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था। अभी वह मज्जफराबाद में रहता है और एमआईके ट्रेडर्स तथा मेसर्स इम्तियाज ट्रेडर्स मुजफ्फराबाद के नाम से नियंत्रण रेखा के जरिये व्यापार कर रहा है।
आमिर जम्मू कश्मीर के पाटन का रहने वाला है और वह भी पाकिस्तान जाकर आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था। वह अभी रावलपिंडी में रहता है जबकि उसके पिता और भाई अभी भी पाटन में ही रहते हैं। सैयद अजय अहमद पुत्र गुलाम मोहम्मद शाह भी श्रीनगर के खंयार का रहने वाला है। वह भी 1990 के दशक में हथियारों की ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान चला गया था। वह अभी मुजफ्फराबाद में रहता है और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पीपुल्स लीग का उपाध्यक्ष है।
जांच में पता चला है कि उसका रिश्तेदार अर्शद इकबाल शाह वर्ष 2010 से मेसर्स एम ए ट्रेडर्स के नाम से बारामुला में कंपनी चला रहा है जो नियंत्रण रेखा के जरिये व्यापार की आड में हवाला और मादक पदार्थों का कारोबार कर रही है। अर्शद को ज्यादातर माल की आपूर्ति सैयद अजय अहमद की कंपनी ही कर रही थी।
एनआईए ने अर्शद को 2016 में गिरफ्तार कर लिया था और वह अभी बारामुला की जिला कारागार में बंद है। मेहराहजुद्दीन भट जम्मू कश्मीर के त्राल का रहने वाला है और वह भी पाकिस्तान जाकर आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था। अभी वह रावलपिंडी में रहता है और मेहराजुद्दीन ट्रेडर्स नाम से कंपनी चला रहा है। उसका बड़ भाई अब्दुल रशीद भट उरी में पंजीकृत एलओसी व्यापारी है। वह आरबीएस ट्रेडिंग फर्म के नाम से कंपनी चला रहा है। नाजिर अहमद भट मूल रूप से जम्मू कश्मीर के पंपोर का रहने वाला है। वह भी आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए पाकिस्तान चला गया था। वह न्यू कश्मीर ट्रेडर्स के नाम से कंपनी चला रहा है जो नियंत्रण रेखा के जरिये होने वाले व्यापार में शामिल है।