कश्मीर घाटी शीतलहर चपेट में, लोगों का जीवन सर्दी से बेहाल - Punjab Kesari
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कश्मीर घाटी शीतलहर चपेट में, लोगों का जीवन सर्दी से बेहाल

जब से ठंड ने दस्तक दी है कश्मीर घाटी में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। घाटी के

जब से ठंड ने दस्तक दी है कश्मीर घाटी में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। घाटी के  इलाकों में तापमान कई डिग्री  सेल्सियस तक गिर गया है। जिसकी वजह से पारा शून्य से भी और निचले स्तर पर चला गया है।  मंगलवार को अधिकारियों की और से मिली जानकारी में बताया गया कि सोमवार रात में न्यूनतम तापमान रविवार रात की तुलना में एक से दो डिग्री तक लुढ़क गया है।अधिकारियों ने कहा, ठंड के कारण घाटी के कई इलाकों में जानें वाली पाइप लाइनों में पानी पाइपो के अंदर जम गया है जिसके बाद से ही वहां रहने वालों को पीने का तथा रोजमारा के काम करने के लिए पानी मिलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कश्मीर की डल झील का पानी भी जम गया है पानी को पीने के लिए लेने में पहले उसे गर्म करना पड़ रहा है।कश्मीर में सर्दी से हालात इतने खराब है कि लोगों का अपने घरों से निकलना मुश्किल हो गया है कश्मीरी लोग अपने घरों में रहने को मजबूर है। अनुमान है कि कश्मीर में तेज शीतलहर चल सकती है। 
घाटी में कहां पर तापमान ने तोड़े रिकॉर्ड ?
उन्होंने बताया कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया है जबकि यहां पारा रविवार रात्रि को शून्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस नीचे था।इसी तरह पहलगाम में न्यूनतम पारा शून्य से 6.7 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा जो रविवार रात को शून्य से 5.7 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया था।उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले के गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.9 डिग्री सेल्सियस नीचे रिकॉर्ड किया गया।अधिकारियों ने कहा कि सीमावर्ती कुपवाड़ा जिले में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि घाटी के प्रवेश द्वार काजीगुंड में पारा 3.6 डिग्री सेल्सियस रहा। कोकेरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।दक्षिण कश्मीर के पहलगाम और आसपास के इलाकों में थोड़ी बर्फबारी हुई है लेकिन घाटी में फिलहाल शुष्क मौसम है और दिसंबर आखिर तक बारिश होने का कोई प्रमुख अनुमान नहीं है। 
कश्मीर में चिल्लई-कलां का दौर शुरु
कश्मीर में अभी ‘चिल्लई-कलां’ का दौर जारी है। यह 21 दिसंबर को शुरू हुआ था। यह 40 दिन तक चलता है जिसमें कश्मीर घाटी में शीतलहर चलने के साथ ही तापमान में काफी गिरावट दर्ज की जाती है। इस अवधि में बर्फबारी की प्रबल संभावना रहती है, खासकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती है।‘चिल्लई-कलां’ का दौर 30 जनवरी को समाप्त होगा और उसके बाद 20 दिन का ‘चिल्लई-खुर्द’ शुरू होगा, जिसमें भी कश्मीर घाटी में शीतलहर जारी रहेगी। फिर 10 दिन का ‘चिल्लई बच्चा का दौर रहेगा, तब घाटी में ठंड में कमी आने लगेगी।

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