जम्मू-कश्मीर में समय-समय पर पाबंदियों की समीक्षा होनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट - Punjab Kesari
Girl in a jacket

जम्मू-कश्मीर में समय-समय पर पाबंदियों की समीक्षा होनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से बृहस्पतिवार को कहा कि वे राष्ट्र हित के नाम पर पाबंदियां लगा

उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से बृहस्पतिवार को कहा कि वे राष्ट्र हित के नाम पर पाबंदियां लगा सकते हैं लेकिन समय-समय पर इनकी समीक्षा भी होनी चाहिए। न्यायमूर्ति एन वी रमण की अगुवाई वाली एक पीठ को सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि प्रशासन रोजाना इन प्रतिबंधों की समीक्षा कर रहा है। 

अमित शाह ने आईटीबीपी का कार्यक्रम किया रद्द, मनोहर लाल खट्टर को बुलाया दिल्ली

पीठ जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा वापस लेने के बाद राज्य में लगाई गई पाबंदियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। जम्मू-कश्मीर प्रशासन का पक्ष रख रहे मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया, “पाबंदियों की रोजाना समीक्षा की जा रही है। करीब 99 प्रतिशत क्षेत्रों में कोई प्रतिबंध नहीं हैं।” 
पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी आर गवई भी शामिल थे। पीठ ने राज्य में इंटरनेट पर लागू प्रतिबंध के बारे में पूछा। इस पर सॉलिसीटर जनरल ने अदालत को बताया कि इंटरनेट पर प्रतिबंध अब भी इसलिए जारी हैं क्योंकि सीमा-पार से इसके दुरुपयोग की आशंका है। न्यायालय इन याचिकाओं पर बहस पांच नवंबर को सुनेगा। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।