दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती को पुलिस ने हिरासत में लिया - Punjab Kesari
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दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती को पुलिस ने हिरासत में लिया

दिल्ली में जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अतिक्रमण विरोधी अभियान के खिलाफ आज प्रदर्शन किया गया इस प्रदर्शन में जम्मू-कश्मीर

दिल्ली में जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अतिक्रमण विरोधी अभियान के खिलाफ आज प्रदर्शन किया गया इस प्रदर्शन में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी शामिल थी। पीडीपी नेता मुफ्ती जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अतिक्रमण विरोधी अभियान के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहीं थीं। जिसके बाद उनको पुलिस ने हिरासत में लिया है। 
दिल्ली पुलिस ने महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिया
दरअसल महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर में प्रशासन की ओर से की जा रही अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करने दिल्ली पहुंचीं थीं। इस दौरान पुलिस ने महबूबा मुफ्ती के साथ मौजूद पीडीपी नेताओं को भी हिरासत में लिया है।  उन्हें विजय चौक के पास हिरासत में लिया गया जिसके बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को अफगानिस्तान की तरह बर्बाद किया जा रहा है।1675857275 mmmm
अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रही मुफ्ती
वहीं विपक्षी दलों ने गरीबों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। बड़े स्तर पर अतिक्रमण के विरोध में बुलडोजर एक्शन के चलते विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है। दरअसल जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों से अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर से कार्रवाई की जा रही है। जमीन वापस लेने के अलावा कई ढांचों को भी तोड़ दिया गया है। इसलिए केद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। इससे पहले महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर प्रशासन के खिलाफ जमकर हमला बोला था। अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि बुलडोजरों की वजह से आज कश्मीर आपको अफगानिस्तान जैसा दिखेगा।1675857283 mufti
गरीबों के मकान तोड़े जा रहे महबूबा मुफ्ती
इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह विध्वंस अभियान कश्मीर को फिलिस्तीन से भी बदतर स्थिति में बदल रहा है। पूर्व सीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत गरीबों के घरों को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है। पीडीपी नेता ने आगे कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा यह दावा कर सकते हैं कि अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान गरीबों के मकानों को छूआ नहीं जाएगा, लेकिन जमीनी स्तर पर उनका संदेश सुना नहीं जा रहा है, क्योंकि टिन की छत वाले मकान भी ढहाए जा रहे हैं।  उन्होंने कहा कि ‘एक संविधान, एक विधान, एक प्रधान’ के शुरुआती आह्वान ने ‘एक देश, एक भाषा, एक धर्म’ की राह दिखाई, जिसमें कोई संविधान नहीं है। इसलिए जम्मू-कश्मीर के लोग परेशान है। जिसको लेकर विरोध किया जा रहा है। 

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