जम्मू-कश्मीर में इस महीने आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। आतंकी गैर-कश्मीरियों की टारगेट किलिंग कर रहे हैं।कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा नागरिकों को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाए जाने से एक भयावह संदेश के तमाम सबूत मिलते हैं। 5 अगस्त 2019 के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले केंद्र का नेरेटिव देश के बाकी हिस्सों के साथ जम्मू और कश्मीर का पूर्ण एकीकरण रहा है। इस महीने उन्होंने 11 लोगों की हत्या कर दी, जिसके बाद केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था टाइट कर दी गई है। चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है। श्रीनगर के लाल चौक पर सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की महिला कर्मियों को तैनात किया गया है। हर आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है और उनकी तलाशी ली जा रही है। ऐसा पहली बार हुआ है जब सीआरपीएफ की महिला कर्मियों की तैनाती की गई है। 
राजधानी श्रीनगर में सर्च ऑपरेशन तेज किया गया है। अधिकारियों ने श्रीनगर के पुराने शहर और दक्षिण कश्मीर जिलों के कुछ हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं निलंबित कर दिया है। वहीं कुछ इलाकों में इंटरनेट स्पीड को कम कर दिया है। सुरक्षा की समीक्षा के लिए कई बैठकें हुई हैं। सचिवालय और एयरपोर्ट जैसे प्रमुख स्थानों के आसपास सुरक्षा बलों की संख्या में वृद्धि की गई है।
पुलिस ने नागरिक हत्याओं की जांच के तहत सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की है. काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन भी तेज कर दिया गया है। पुलिस ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्होंने 13 आतंकवादियों को मार गिराया है। केंद्र भी हालात पर पैनी नजर बनाए हुए है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने और विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में कश्मीर का दौरा कर सकते हैं।
पुंछ और राजौरी जिलों 9वें दिन भी सर्च ऑपरेशन जारी
वहीं, जम्मू कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों में वन क्षेत्र में आतंकवाद निरोधक अभियान को मंगलवार को नौ दिन हो गए और मेंढर में सार्वजनिक घोषणाएं कर स्थानीय लोगों से घरों में रहने को कहा गया है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी है। उन्होंने कहा कि भट्टा दुर्रियां और आसपास के क्षेत्रों में स्थानीय मस्जिदों से मुनादी कर लोगों को सतर्क किया गया। सुरक्षा बल आतंकवादियों के खिलाफ अंतिम वार की तैयारी कर रहे हैं जो पुंछ जिले के मेंढर में वन क्षेत्र में छिपे हो सकते हैं।
अधिकारियों के अनुसार, लोगों से वन क्षेत्र में नहीं जाने को और अभियान के मद्देनजर अपने मवेशियों को भी घरों में रखने को कहा गया है। बाहर गए लोगों को मवेशियों के साथ घर लौटने को कहा गया है। पुंछ के सुरनकोट इलाके में 11 अक्टूबर को शुरू हुई मुठभेड़ में एक जेसीओ सहित पांच सैन्य कर्मी मारे गए थे।