J&K : पत्थरबाज़ को जीप से बांधने वाले मेजर गोगोई लड़की के साथ हिरासत में, पु‌लिस जांच में जुटी - Punjab Kesari
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J&K : पत्थरबाज़ को जीप से बांधने वाले मेजर गोगोई लड़की के साथ हिरासत में, पु‌लिस जांच में जुटी

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जम्मू कश्मीर में युवक को जीप के आगे बांधने वाले  सेना के चर्चित अधिकारी मेजर लीतुल गोगोई को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बुधवार को श्रीनगर के एक होटल से हिरासत में लिया। बताया जा रहा है कि मेजर गोगोई होटल में एक लड़की के साथ घुसना चाह रहे थे। लड़की की उम्र 18 साल बताई जा रही है। खबर के मुताबिक, होटल के स्टाफ ने मेजर को लड़की के साथ एंट्री नहीं दी। इसर मेजर गोगोई का होटल के स्टाफ के साथ झगड़ा हो गया। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें कुछ देर के लिए हिरासत में ले लिया।

जम्मू-कश्मीर के आईजी (कश्मीर रेंज) स्वयम प्रकाश पाणि ने पूरे मामले में जांच के आदेश दिए हैं। श्रीनगर (नॉर्थ जोन) के एसपी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, गोगोई का कहना है कि वह होटल में एक ‘सोर्स मीटिंग’ के लिए आए थे। बता दें कि मेजर गोगोई पिछले साल तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने एक कश्मीरी युवक फारूक अहमद दार को अपनी जीप के बोनट पर बांधकर बडगाम में घुमाया था।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना आज सुबह हुई। जब मेजर गोगोई अपने सैन्यकर्मी चालक और लड़की के साथ डलगेट स्थित होटल पहुंचे। अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर पुलिस अधिकारी ने बताया कि लीतुल गोगोई के नाम पर होटल में दो लोगों के एक रात के स्टे के लिए ऑनलाइन बुकिंग हुई थी।

दोनों पक्षों के बयान दर्ज करने वाली पुलिस के मुताबिक, मेजर से होटल स्टाफ ने कहा कि वह लड़की के साथ रूम में एंट्री नहीं कर सकते। इस पर स्टाफ और गोगोई के चालक के बीच विवाद हो गया। होटल के अन्य कर्मचारियों ने तत्काल मेजर और उनके चालक को पकड़ लिया. फिर पुलिस बुला ली।

अधिकारी ने बताया कि आईजी पाणि ने निर्देश दिया है कि रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपी जाए। उन्होंने बताया कि पुलिस ने जांच के तहत सीसीटीवी फुटेज और मेजर से वो फॉर्म मांगा है, जिसपर उन्होंने रूम की बुकिंग के लिए साइन किया था।

उधर, पूरे मामले पर सेना के सूत्रों ने बताया कि पुलिस जांच पूरी हो जाने और स्थितियां साफ हो जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि इस घटना के बाद डार को जीप के बोनट से बांधने वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। कुछ लोगों ने आर्मी के इस फैसले की निंदा की थी तो कई ने इसे जायज ठहराया था। हालांकि बाद में खुद मेजर गोगोई को सामने आना पड़ा था। उन्होंने बताया था कि अगर वो ऐसा न करते तो घाटी में कई लोगों की जानें चली जातीं।

 

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