बीते गुरुवार जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत पर पूरे देश गमगीन है और इस कायराना हमले का बदला लेने की मांग कर रहा है। इस फिदायीन हमले को अंजाम देने वाला शख्स कश्मीर से ही था और इसका नाम आदिल अहमद डार था।
21 साल का आदिल अहमद डार तो अपने पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर ये कायराना हमला कर मर गया है पर उसका परिवार इस घटना के बाद से गहरे सदमे में है। डार के परिवार का कहना है की इस तरह किसी की जान लेने पर कोई खुश कैसे हो सकता हैं।
आदिल अहमद डार के परिवार को यकीन नहीं हो रहा है की उनका बेटा इतना बड़ा हत्यारा है और परिजनों को आदिल के किए पर शर्मिंदगी है। सीआरपीएफ जवानों की शहादत पर आदिल अहमद डार भी दुखी है और अपने बेटे की करतूत पर देश से माफ़ी मांग रहे है।
आदिल अहमद डार के करीबी परिजन का कहना है आदिल ने काफी पहले पढाई छोड़ दी थी और कभी कभी वो मजदूरी आदि का काम करता था। वो पिछले एक साल से घर से गायब था। आखिरी बार जब आदिल अपने घर से निकला था तो ये कह के गया था की वो एक दोस्त से मिलने जा रहा है।
बताया जा रहा है की बीते साल 19 मार्च को आदिल अपने भाई समीर के साथ घर से निकला था और कभी वापस नहीं गया। उसके घरवालों ने उसके गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। बाद में उसके परिवार को पता चला की आदिल आतंकी बन गया है।
बेटे के उग्रवादी बनने पर परिवार को तगड़ा झटका लगा था और उन्होंने एक वीडियो सन्देश के जरिये अपने बेटे से गुजारिश की थी वो घर लौट आये पर आदिल नहीं आया। आदिल के पिता गुलाम हसन पुलवामा में कपडे बेचने की फेरी लगाने का काम करते है। आदिल का बड़ा भाई बढ़ई का काम करता है और छोटा भाई सकल में पढ़ता है।
आदिल को जानने वाले बता रहे है की वो सोच भी नहीं सकते थे की आदिल कभी ऐसा कदम भी उठा सकता हैए और इतना कट्टर बन सकता है। आदिल इससे पहले पथरबाजी के दौरान पैर में पेलेट गन लगने की वजह से घायल भी हुआ था और उसके बाद से उनका झुकाव आतंकी गतिविधियों में हो गया था।