जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में भावुक होकर कहा कि इस हमले ने हमें अंदर से खोखला कर दिया है। उन्होंने नौसेना अधिकारी की विधवा से माफी मांगने के लिए शब्द नहीं होने की बात कही और इस हमले के खिलाफ मिलकर लड़ने का आह्वान किया।
22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश और पीड़ा है। इस हमले में मारे गए लोगों के बाद सबसे ज्यादा नुकसान जम्मू-कश्मीर का हुआ है। आज जम्मू कश्मीर विधानसभा में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव के समर्थन किया। उन्होंने अपने भाषण में इस हमले पर दुख जताया है। सीएम विधानसभा में बोलते-बोलते भावुक भी हो गए। उन्होंने कहा, यकीन नहीं होता कि चंत दिन पहले हम इस हाउस में मौजूद थे, बजट और कई मुद्दों पर बहस चली। किसने सोचा था कि ऐसे जम्मू-कश्मीर में ऐसे हालात बनेंगे कि हमें दुबारा यहां इस माहौल में मिलना पड़ेगा।
इस हमले ने हमें खोखला कर दिया है- सीएम
उमर अब्दुल्ला विधानसभा में भावुक हो गए और कहा कि “इस हमले ने हमें अंदर से खोखला कर दिया है। पहलगाम के 26 लोगों का दर्द न तो संसद समझती है और न ही इस देश की कोई और विधानसभा, जितना जम्मू-कश्मीर विधानसभा समझती है। आपके सामने वो लोग बैठे हैं जिन्होंने अपने करीबी रिश्तेदारों को खोया है। किसी ने अपने पिता को खोया है, किसी ने अपने चाचा को. हममें से कितने लोग हैं जिन पर हमला हुआ है? हमारे कई साथी ऐसे हैं जिन पर इतने हमले हुए हैं कि हम उनकी गिनती करते-करते थक जाएंगे। अक्टूबर 2001 में श्रीनगर में हुए हमले में 40 लोगों की जान चली गई थी. इसलिए पहलगाम में मारे गए लोगों का दर्द इस विधानसभा से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता।”
#WATCH जम्मू, जम्मू-कश्मीर: पहलगाम आतंकी हमले पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “… हम में से कोई इस हमले के साथ नहीं है। इस हमले ने हमें अंदर से खोखला कर दिया है… 26 सालों में मैंने पहली बार लोगों को इस तरह घरों से… pic.twitter.com/EBFdJU4uPA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 28, 2025
‘माफी मांगने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं…’
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “अतीत में हमने कश्मीरी पंडितों और सिख समुदायों पर आतंकवादी हमले देखे हैं। ऐसा हमला लंबे समय के बाद हुआ है। मेरे पास पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से माफी मांगने के लिए शब्द नहीं हैं। मैं कानून-व्यवस्था का प्रभारी नहीं हूं, लेकिन मैंने पर्यटकों को कश्मीर आने के लिए आमंत्रित किया। उनके मेजबान के रूप में, उनकी देखभाल करना और उनकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने कहा कि मैं नौसेना अधिकारी की विधवा से क्या कहूं, जिनकी कुछ दिन पहले ही शादी हुई है? मेरे पास उन्हें सांत्वना देने के लिए शब्द नहीं हैं। पीड़ितों के कई परिवार के सदस्यों ने मुझसे पूछा कि उनका अपराध क्या था? मेरे पास कोई जवाब नहीं था।
After the Pahalgam terror attack, there must be a decisive fight against terrorism and its origin. People of Kashmir have come out openly against terrorism and the murder of innocent people, they did this freely & spontaneously. It’s time to build on this support and avoid any…
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) April 27, 2025
‘हम साथ मिलकर आतंकवाद को हरा सकते हैं’
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लोग खुद विरोध करने के लिए बाहर आए, बैनर/पोस्टर दिखाए और नारे लगाए। अगर लोग हमारे साथ हैं, तो हम आतंक को हरा सकते हैं। यह शुरुआत है। हमें ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे लोग अलग-थलग पड़ जाएं। लोग समझ गए हैं कि आतंकवाद अच्छा नहीं है। हम बंदूक की ताकत से उग्रवाद को नियंत्रित कर सकते हैं।
पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डाले भारत: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी