पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार का कहना है कि सब कुछ ठीक है। जब प्रदेश में पुलिस कर्मी ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम आदमी कैसे सुरक्षित रह सकता है? चीन हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है, क्या भारत सरकार संसद में चुर्चा के लिए इसकी अनुमति देती है।डा. फारूक अब्दुल्ला ने यह प्रतिक्रिया कल कश्मीर में दो पुलिस कर्मियों की शहादत के बाद दी है।
अगर नेता धर्म और राजनीति को एक दूसरे से दूर नहीं रखेंगे तो देश नहीं बचेगा
इस दौरान उन्होंने अपने विपक्षी दलों पर करारा हमला बोला। फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि अगर नेता धर्म और राजनीति को एक दूसरे से दूर नहीं रखेंगे तो देश नहीं बचेगा। केंद्र की मौजूदा मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि वे महिला अधिकार विधेयक पारित क्यों नहीं करते? महिलाओं के मुद्दे पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके (बीजेपी) पास संसद में 300 सदस्य हैं, लेकिन वे नहीं चाहते कि महिलाएं उठें और पुरुषों के बराबर दर्जा हासिल करें।
बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने शनिवार को तीन प्रस्ताव पारित किये, जिनमें घाटी में प्रवासी कश्मीरी पंडितों की वापसी तथा पुनर्वास और उनके राजनीतिक सशक्तिकरण समेत कई आह्वान किए गए हैं। ये प्रस्ताव यहां पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में एक दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत में पेश किए गएइनमें समुदाय के मंदिरों और धार्मिक स्थलों के प्रबंधन के लिए एक विधेयक पारित करने की भी मांग की गई।
वरिष्ठ नेता अनिल धर
ध्वनि मत से पारित ‘राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण’ इन प्रस्तावों को प्रस्तुत करते समय वरिष्ठ नेता अनिल धर ने कहा, ”प्रवासी कश्मीरी पंडित समुदाय पिछले तीन दशकों से अपनी सम्मानजनक वापसी और पुनर्वास के लिए तरस रहा है। यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है।”
उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ही एकमात्र पार्टी है जो घाटी में पंडितों की वापसी और पुनर्वास सुनिश्चित कर सकती है। उन्होंने कहा, ”अब्दुल्ला को भारत सरकार का मार्गदर्शन करना चाहिए, जो आज तक इस दिशा में कोई प्रगति करने में विफल रही है। हमारे पास रोडमैप है और हम इसे केंद्र के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं।”