कश्मीरी लोगों के लिए दिक्कत बन रहे है अमरनाथ यात्रा के इंतजाम : महबूबा मुफ्ती - Punjab Kesari
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कश्मीरी लोगों के लिए दिक्कत बन रहे है अमरनाथ यात्रा के इंतजाम : महबूबा मुफ्ती

15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ संपन्न होगी। पवित्र गुफा कश्मीर के हिमालय में समुद्र तल से

जम्‍मू-कश्‍मीर की पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने अमरनाथ यात्रा के लिए सरकार द्वारा किए गए इंतजामों पर नाराजगी जताई है और कहा है कि ये कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। महबूबा ने कहा, ‘‘अमरनाथ यात्रा के लिए पिछले कई सालों से यहां की जमीन इस्तेमाल की जा रही, लेकिन दुर्भाग्य है कि इस बार व्यवस्थाएं स्थानीय लोगों के खिलाफ हैं।’’ अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरू हुई और 15 अगस्त तक चलेगी। 
कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। स्थानीय लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में इससे बहुत सारी कठिनाई हो रही है। मैं राज्यपाल से इस मामले में दखल देने की अपील करती हूं।’ 
पिछले सात दिनों में 95,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा की है। हालांकि, कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण सोमवार को तीर्थयात्रियों के किसी भी नए जत्थे को जम्मू कैंप से जाने की अनुमति नहीं दी गई। अलगाववादियों ने हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की बरसी के मौके पर सोमवार को बंद बुलाया है। वानी 8 जुलाई 2016 को अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। 
‘मुस्लिमों के समर्थन से यात्रा संभव हुई’ एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘जम्मू में भगवती नगर यात्री निवास से सोमवार को यात्रियों का कोई जत्था कश्मीर घाटी के लिए रवाना नहीं हुआ।’ एक जुलाई को अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 95,923 श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। 45 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ संपन्न होगी। पवित्र गुफा कश्मीर के हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। 
उधर जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को कहा कि स्थानीय मुस्लिमों के समर्थन और सहायता से वार्षिक हिंदू तीर्थयात्रा संभव हो पाई है। मलिक ने लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतिदिन दो घंटे नागरिक यातायात पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर धैर्य रखने को कहा है क्योंकि यह तीर्थयात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा है। 
मलिक ने पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकवादी हमले का हवाला देते हुए कहा, ‘आप जानते हैं कि इस साल 14 फरवरी को राष्ट्रीय राजमार्ग पर क्या हुआ था।’ हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस बीच, ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) श्रद्धालुओं के लिए मौसम के पूवार्नुमान, यातायात की जानकारी देने और भक्ति संबंधी कॉन्टेंट प्रसारित करने के लिए बालटाल आधार शिविर में एक एफएम रेडियो स्टेशन शुरू कर रहा है। 

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