संसद में पास 3 Criminal Law Bill से क्या बदलेगा ? आसान Points में समझिए
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संसद से पारित 3 Criminal Law Bill से क्या बदलेगा ? समझिए

What will change with the 3 Criminal Law Bills passed in Parliament?

संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में गुरूवार को Criminal Law से जुड़े तीन बिलों पर संसद की मुहर लग चुकी है। अब राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद ही ये बिल कानून में तबदील हो जाऐंगे। मौजूदा IPC, CrPC और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह नए तीनों कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम होंगे।

आइए आपको समझाते हैं की इन तीन बिलों के कानून बनने के बाद क्या कुछ बदल जाएगा और पूराने मामलों का क्या होगा।

क्या बदल जाएगा ?

  • CrPC में पहले 484 धाराएं थी, अब इसमें 531 धाराएं होंगी। इसमें 177 धाराओं में बदलाव किया गया है और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं।
  • गैंगरेप के मामले में 20 साल की सजा और अजीवन कारावास की सजा मिलेगी।
  • नाबालिग बच्ची के साथ रेप के मामले में दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास और फांसी की सजा होगी। आईपीसी में धारा 375 में बलात्कार को परिभाषित किया गया है। इसमें वो 7 परिस्थितियां भी बताई गईं हैं, जब सेक्सुअल इंटरकोर्स को रेप माना जाता है। वहीं, आईपीसी में धारा 376 में रेप के लिए सजा का प्रावधान किया गया है।
  • झूठे वादे कर के और पहचान छिपाकर यौन संबंध बनाना अपराध होगा। लव जिहाद से निपटने के लिए भी सजा तय की गई है।
  • मॉब लिंचिंग पर आजीवन कारावास की सजा से लकर फांसी तक की सजा मिलेगी। अभी तक मॉब लिंचिंग के लिए सजा का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था।
  • FIR से लेकर जजमेंट तक सब कुछ ऑनलाइन होगा।
  • राजद्रोह कानून खत्म होकर देशद्रोह कानून में तब्दील हो जाएगा। बता दें कि IPC की धारा 124A में राजद्रोह को लेकर प्रावधान है। इसमें दोषी को 3 साल से लेकर उम्रकैद की सजा देने का प्रावधान था।
  • भारतीय न्याय संहिता में पहली बार आतंकवाद की व्याख्या दी गई है। आतंकवाद को दंडनीय अपराध घोषित किया जाएगा।
  • आरोपी को एक हफ्ते के अंदर आरोपमुक्त होने की याचिका फाइल करनी होगी और जज मैक्सिमम 120 दिन के अंदर सुनवाई करेंगे। अब तक किसी भी अपराधी या आरोपी पर ट्रायल तभी शुरू होता था, जब वो अदालत में मौजूद हो। नया कानून आने के बाद फरार घोषित अपराधी के बगैर भी मुकदमा चल सकेगा।
  • अगर कोई आरोपी 1 महीने के अंदर अपना अपराध स्वीकार कर लेता है तो उसे कम सजा दी जाएगी।
  • मेडिकल लापरवाही के कारण अगर अपराधी की मौत होती है तो डॉक्टरों पर कोई मुकदमा नहीं होगा।

अब पुराने केसों का क्या होगा ?

सूत्रों के मुताबिक नए क्रिमिनल लॉ लागू होने की जो भी तारीख होगी उस तारीख से जो अपराध होगें वो नए कानून में दर्ज किए जाएंगे। अब उसी के हिसाब से मुकदमा चलेगा और सजा होगी। जो केस पहले से दर्ज है उसमें पूराने कानून के तहत ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी और उसी कानून के तहत मुकदमा चलेगा। इसके अलावा जो केस पेंडिंग हैं उनकी सुनवाई पहले की तरह चलती रहेगी।

 

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