देश के कई इलाकों में जल संकट, बूंद-बूंद को तरसे लोग - Punjab Kesari
Girl in a jacket

देश के कई इलाकों में जल संकट, बूंद-बूंद को तरसे लोग

NULL

नई दिल्ली: झुलसती गर्मी और चढ़ते पारे ने  देश के कई इलाक़ों में पानी के  ‌लिए हा-हाकार मचा हुअा है। लोग पानी के संकट से जूझ रहे हैं। पानी की किल्लत के चलते शिमला में आज से 5 दिनों तक सभी सरकारी स्कूल बंद हैं। पिछले कुछ दिनों से शहर अब तक के सबसे बड़े पानी के संकट से जूझ रहा है। कई होटल मालिकों ने बुकिंग रद्द कर दी है। ये संकट कई सालों तक सरकार और प्रशासन की अनदेखी का नतीजा है।

वहीं राजस्थान के अजमेर में पारा लगातार 40 डिग्री से ऊपर चल रहा है। लोग पानी की टंकियों पर ताले लगाकर रखने लगे हैं। पानी के टैंकर आने पर लड़ाई का माहौल बन जाता है। राजस्थान के अजमेर जहां लोगों ने पानी के ड्रमों में ताला लगा दिया गया है ताकि कोई पानी न चुरा ले जाए। अजमेर के वैशाली नगर के लोगों का कहना है कि 4 दिनों में एक बार टैंकर से पानी आता है।

उत्तर प्रदेश में भी कई ज़िलों में ऐसे गांव हैं जहां हालात बदतर हैं। खासकर थर्मल पॉवर हब सोनभद्र में, जहां लोग एक एक बूंद को तरस रहे हैं। यहां तेज़ गर्मी में गाउंड वॉटर काफी नीचे हो गया है। बढ़ती गर्मी के साथ यूपी के सोनभद्र इलाके में पानी की मुश्किल गहराती जा रही है। यहां के दूरदराज के कई ऐसे गांव हैं जहां हैंडपंप तक नहीं है और लोगों को पीने के पानी के लिए मीलों पैदल चलना होता है। खास बात ये है कि पानी के लिए जारी इस संघर्ष में सबसे ज्यादा बोझ घर की महिलाओं पर होता है।

राजधानी लखनऊ से करीब 450 किमी दूर पूर्वी यूपी के सोनभद्र जिले के गांव सोनमगर की महिलाओं का पानी के लिए ये संघर्ष सूरज की पहली किरण के साथ ही शुरू हो जाता है। करीब 1200 लोगों के इस गांव में एक भी हैंडपंप नहीं है और ना पानी की पाइप ही यहां तक आता है। यूपी सरकार ने सोनभद्र को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। इस गर्मी में पारा 40 डिग्री के पार है साथ ही पथरीला इलाके होने की वजह से सोननगर इलाके के तमाम जलस्रोत सूख चुके हैं। ऐसे में पानी के लिए कम से कम तीन से चार किमी चलना होता है, जहां छोटे नाले या ऐसे गड्ढे मौजूद हैं।

देश की राजधानी का भी हाल बुरा है, संजय कैंप, संगम बिहार, तुग़लकाबाद में पानी की दिक़्क़त है. टैंकर से आए पानी को भरने के लिए होड़ लगती है कि कौन कितना पानी ले पाता है। दिल्ली और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे की लड़ाई का असर भी जनता पर पड़ रहा है। मार्च में वज़ीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया में टैंकर से पानी लेने को लेकर लड़ाई हुई झगड़े को रोकने गए लाल बहादुर को कुछ लोगों ने बुरी तरह पीटा जिससे उनकी मौत हो गई।

 

 

देश की हर छोटी-बड़ी खबर जानने के लिए पढ़े पंजाब केसरी अखबार।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।