Israel and Hezbollah : इजराइल की वॉर कैबिनेट ने लेबनान में हिजबुल्लाह के बीच 60 दिनों के लिए सीजफायर समझौते को मंजूरी दे दी है। मंगलवार की देर रात कैबिनेट की मीटिंग में इसे 10-1 से मंजूरी मिली। इजराइली के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले सीजफायर के प्लान को मंजूरी दे चुके हैं। इसे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अच्छी खबर बताया है।
लेबनानी सेना को सौंपे जाएंगे कब्जा वाले इलाके
बाइडेन ने कहा कि उन्होंने सीजफायर के लिए नेतन्याहू और लेबनान के पीएम नजीब मिकाती से बात की है। दोनों देशों के बीच बुधवार की सुबह 4 बजे (भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह 7:30 बजे) जंग रुक जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि सीजफायर का मतलब हमेशा के लिए जंग खत्म करनी है। उन्होंने कहा कि इजराइली सेना कब्जे वाले इलाके को लेबनानी सेना को सौंप देगी। वहां से हट भी जाएगी, जिससे हिजबुल्लाह वहां कब्जा न जमा ले। यह प्रक्रिया 60 दिनों के अंदर प्रक्रिया पूरी होगी।
इजराइल को आत्मरक्षा का अधिकार होगा : बाइडेन
बाइडेन ने कहा कि हिजबुल्लाह या कोई और समझौते का उल्लंघन करता और इजराइल के लिए खतरा पैदा करता है तो अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार इजराइल को आत्मरक्षा करने का अधिकार होगा। नेतन्याहू ने कहा कि हिजबुल्लाह समझौते का उल्लंघन करता है तो हम फिर हमला करेंगे। नेतन्याहू ने सीजफायर समझौते की मंजूरी से पहले वीडियो जारी किया था। उन्होंने वीडियो में सीजफायर समझौते के पीछे तीन वजहें बताईं। उन्होंने बताया कि वजहों में- ईरान पर ध्यान केंद्रित करना, थके हुए रिजर्व सैनिकों को आराम देना और हमास को अलग-थलग करना शामिल हैं।
इन गतिविधियों को माना जाएगा समझौते का उल्लंघन
नेतन्याहू का कहा है कि हमास, हिजबुल्लाह पर भरोसा कर रहा था। उन्हें भरोसा था कि हिजबुल्लाह के लड़ाके उनके साथ लड़ेंगे, लेकिन अब वे अकेले रह गए। उन पर दबाव बढ़ जाएगा, जिससे हमारे बंधकों को छुड़ाने में मदद मिलेगी। वैसे, नेतन्याहू ने कहा कि हिजबुल्लाह सीमा के पास इजराइल पर हमला करने का प्रयास करता है, इस इलाके में बुनियादी ढांचा तैयार करता है, सुरंगें खोदता या रॉकेट ले जाने वाले ट्रक लाता है तो इसे समझौते का उल्लंघन माना जाएगा।