वक्फ संशोधन बिल 2024 कल लोकसभा में पेश होगा, जिसके लिए 8 घंटे की चर्चा का समय तय किया गया है। मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह बिल धार्मिक संस्थानों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं करेगा, जबकि विपक्ष ने इसे असंवैधानिक बताते हुए 12 घंटे की चर्चा की मांग की है।
वक्फ संशोधन बिल को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच बहस जारी है। कल केंद्र सरकार लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल 2024 पेश करेगी। केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विधेयक को कल प्रश्नकाल के बाद विचार और पारित करने के लिए पेश किया जाएगा और पेश करने के बाद 8 घंटे की चर्चा का समय तय किया गया है। इस तय समय को आगे भी बढ़ाया भी जा सकता है। वहीं विपक्ष ने चर्चा के लिए 12 घंटे का समय मांगा है।
#WATCH | दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “…अगर सदन को लगता है कि चर्चा के लिए समय बढ़ाया जाना चाहिए, तो समय बढ़ाया जा सकता है, लेकिन अगर वे (विपक्ष) कोई बहाना बनाकर चर्चा में भाग नहीं लेना चाहते हैं, तो मैं इसे रोक नहीं सकता।… pic.twitter.com/d24jh4nHMi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 1, 2025
मंत्री किरेन रिजिजू का बयान
वक्फ संशोधन बिल पर मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह विधेयक धार्मिक संस्थानों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं करता है और यह उन लोगों को अधिकार देने के लिए बनाया गया है जिनके पास पहले ये अधिकार नहीं थे। वहीं विपक्ष ने संशोधन विधेयक की कड़ी आलोचना की है और इस विधेयक को लगातार असंवैधानिक कहा है। साथ हीभाजपा पर मुसलमानों के अधिकारों को छीनने का प्रयास करने का आरोप भी लगाया है।
#WATCH दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “ये वक्फ बिल असंवैधानिक है। ये बिल अनुच्छेद 14,25,26,29 का गंभीर उल्लंघन है। ये वक्फ बिल नहीं है बल्कि ये वक्फ बर्बाद बिल है….ये सब इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इसका एक ही मकसद है मुसलमानों से नफरत…जो… pic.twitter.com/FKvDlrtv9z
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 1, 2025
विपक्ष ने की आलोचना
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26 और 29 का गंभीर उल्लंघन है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने वक्फ संशोधन विधेयक पर अपना कड़ा विरोध व्यक्त किया और कहा कि भाजपा हर चीज में हस्तक्षेप करना चाहती है। वे हर जगह नियंत्रण चाहते हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य
बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक को इससे पहले पिछले साल अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था। आगे के विचार के लिए जगदंबिका पाल के नेतृत्व में एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया था। विधेयक का उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है, जिससे वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में मुद्दों और चुनौतियों का निपटारा किया जा सके। संशोधन विधेयक भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार करना चाहता है। इसका उद्देश्य पिछले अधिनियम की कमियों को दूर करना और अधिनियम का नाम बदलने, पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार और वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ाने जैसे बदलाव लाकर वक्फ बोर्डों की कार्यों को बढ़ाना है। लेकिन वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए अधिनियमित 1995 का वक्फ अधिनियम लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना का विषय रहा है।