ललन कुमार ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए इसे मुसलमानों के धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि विधेयक में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना और सरकार को वक्फ संपत्तियों पर अधिक नियंत्रण देना अनुचित है।
प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सुल्तानगंज विधानसभा से महागठबंधन के पूर्व प्रत्याशी ललन कुमार ने वक्फ संशोधन विधेयक का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि यह विधेयक देश के मुसलामानों के धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। उन्होंने आगे कहा कि यह विधेयक मुसलामानों की धार्मिक स्वायत्तता में सीधा हस्तक्षेप है और संशोधन विधेयक में प्रस्तावित बदलाव, जैसे वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना और सरकार को वक्फ संपत्तियों पर अधिक नियंत्रण देना सर्वथा अनुचित है। इस विधेयक के जरिए वर्त्तमान मोदी सरकार वक्फ की अरबों रुपये की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है।
बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आज़मी बारी ने भी वक्फ संशोधन विधेयक पर अपनी नारजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने इस विधेयक को तैयार करने में मुस्लिम समुदाय या संबंधित पक्षों से पर्याप्त परामर्श नहीं किया और यह विधेयक भाजपा की ओर से मुसलमानों के खिलाफ नफरत की भावना से प्रेरित है और इसका उद्देश्य राजनीतिक लाभ लेने के साथ साथ अन्य ज्वलंत मुद्दों से देश की जनता का ध्यान भटकाना है।
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समस्त मुस्लिम समुदाय इसे अपने अधिकारों पर हमला मानते हैं, और हम निरंतर शांतिपूर्ण प्रदर्शन, और कानूनी कदमों के जरिए इसका विरोध करते रहेंगे. इस कड़ी में अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए आज ही माननीय उच्चतम न्यायालय में भी याचिका दायर की गई है।