आखिर कौन है विपिन कुमार ?
बिहार कैडर के 1996 बैच के आईएएस [ IAS ] अधिकारी विपिन कुमार ने आज भारतीय एयरपोर्ट ऑथोरिटी के अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया है । इस नियुक्ति से पहले, विपिन कुमार भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता डिपार्टमेंट में एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत थे। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान, वे समग्र शिक्षा योजना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, पीएम-श्री योजना और अन्य महत्वपूर्ण कार्यभार देख रहे थे। बिहार में अपनी ड्यूटी के दौरान, उन्होंने राज्य के कई जिलों में जिला मजिस्ट्रेट के रूप में भी काम किया है । यही नहीं वो बिहार पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष, बिहार दुग्ध सहकारी संघ (SUDHA) के डायरेक्टर और मिड डे -बिहार स्कीम के डायरेक्टर भी रह चुके है ।.
AAI के चेयरमैन का रोल?
विपिन कुमार के पास इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की डिग्री है। भारतीय Airports Authority के अध्यक्ष के रूप में अपने नए कार्यभार में, वो हवाईअड्डा के बुनियादी ढांचे के विकास, हवाई नेविगेशन सेवाओं को बेहतर करने के प्रयासों का नेतृत्व करेंगे। उनकी भूमिका माननीय प्रधान मंत्री के विकसित भारत-2047 के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में भारतीय विमानन क्षेत्र का रोडमैप तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
AAI का गठन को हुआ था ?
Airports Authority of India का गठन संसद के एक अधिनियम द्वारा किया गया था और यह 1 अप्रैल 1995 को तत्कालीन राष्ट्रीय हवाईअड्डा प्राधिकरण और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा प्राधिकरण को मिलाकर शुरू किया गया था। विलय से एक एकल संगठन अस्तित्व में आया जिसे देश में जमीन और हवा दोनों पर नागरिक विमानन बुनियादी ढांचे के निर्माण, उन्नयन, रखरखाव और प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
AAI कुल 133 हवाई अड्डों का प्रबंधन करता है, जिनमें से 110 हवाई अड्डे चालू हैं जबकि अन्य 23 हवाई अड्डे तैयार हो रहे हैं। इन चालू हवाई अड्डों में 28 सिविल एन्क्लेव और निजी नियंत्रण के तहत 8 हवाई अड्डे शामिल हैं । AAI के कुल 110 चालू हवाई अड्डों में से 35 अंतरराष्ट्रीय परिचालन करते हैं। AAI 2.8 मिलियन वर्ग समुद्री मील हवाई क्षेत्र में हवाई नेविगेशन सेवाएं प्रदान करता है। वर्ष 2023-24 के दौरान, एएआई ने अपने हवाई अड्डों पर 1053.96 हजार विमानों की आवाजाही, 130.67 मिलियन यात्रियों को संभाला और 688.38 हजार मीट्रिक टन माल ढुलाई संभाली।