तिरुवनंतपुरम : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि विश्व में धर्म के नाम पर हिंसा और दुश्मनी बढ़ रही है तथा शांति एवं सौहार्द सुनिश्चित करने का एकमात्र मार्ग सभी धर्मों का सम्मान करने वाला प्राचीन भारतीय विचार है। उन्होंने कहा कि देश में लगभग हर सरकार सभी धर्मों और पंथों के प्रति सहिष्णु रही है। राजनाथ ने कहा , ‘‘ विश्व में आज धर्म के नाम पर हिंसा , अलगाव तथा दुश्मनी बढ़ रही है। यह हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है। मेरा पक्के तौर पर मानना है कि बढ़ते धार्मिक टकराव और संघर्ष के युग में शांति और सौहार्द सुनिश्चित करने का एकमात्र मार्ग सभी धर्मों का सम्मान करने वाला प्राचीन भारतीय विचार है। ’’ गृहमंत्री मालंकार मार थोमा सीरियन चर्च के मेट्रोपालिटन एमिरेटस फिलिपोज मार क्रिसोस्टोम के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में बाले रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश की समूची व्यवस्था संविधान से निर्देशित है जिसकी जड़ें देश की प्राचीन सांस्कृतिक परंपराओं में हैं। राजनाथ ने कहा , ‘‘ मुझे इस तथ्य को स्वीकार करने में कोई संदेह नहीं है कि इस देश में लगभग हर सरकार सभी धर्मों और पंथों के प्रति सहिष्णु रही है। सभी धर्मों के लिए समानता और सहिष्णुता का यह सिद्धांत हजारों वर्षों से भारत के चरित्र और चैतन्यता का हिस्सा रहा है। ’’ गृहमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति आज और कुछ नहीं , बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता , करुणा और सहिष्णुता की दीर्घकालिक परंपरा है। उन्होंने कहा कि देश के सामने आई समस्याओं का समाधान हमेशा पारस्परिक प्रभाव वाले विशिष्ट विचारों के जरिए किया गया है और इसका सबसे जीवंत साक्ष्य संविधान है जिसकी ‘‘ हम सभी शपथ लेते हैं और इसकी रक्षा करने का संकल्प लिया है। ’’
राजनाथ ने कहा , ‘‘ इसलिए , हम सभी को इस देश में सर्व धर्म समभाव को कायम रखना चाहिए तथा एकीकृत भारत के स्तंभों को मजबूत करना जारी रखना चाहिए। एकता हमारी शक्ति है और हम सभी को अपने समाज में एकता , बंधुत्व तथा सौहार्द के संबंधों को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए। ’’ गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसी सरकार चला रहे हैं जो समाज के सभी तबकों को साथ लेकर चलने तथा एक नए भारत का निर्माण करने में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य ‘ सबका साथ सबका विकास ’ है। राजनाथ ने कहा , ‘‘ भारत किसी एक धर्म या राजनीतिक शक्ति पर काबिज रहने वाले या व्यवस्था पर नियंत्रण रखने वाले किसी धार्मिक विचार की वजह से नहीं , बल्कि हमारा महान देश इसलिए एक है क्योंकि यह धार्मिक विचारों के विभिन्न आयामों के शांतिपूर्ण सह – अस्तित्व को जगह प्रदान करता है। ’’
उन्होंने भारत में ईसाई धर्म के इतिहास का भी उल्लेख किया जब 52 ईसा बाद संत थॉमस केरल आए थे। राजनाथ ने कहा , ‘‘ हमें गर्व है कि केरल में मानवता के इतिहास में सबसे पुराने चर्चों में से एक है। भारत एक ऐसी भूमि है जहां सदियों से धार्मिक स्वतंत्रता रही है। ’’ उन्होंने भारतीय समाज में छह दशक से अधिक समय तक मार क्रिसोस्टोम के मूल्यवान योगदान को भी याद किया। राजनाथ ने उल्लेख किया कि सरकार ने इस साल क्रिसोस्टोम को उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया।
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