अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा यह जानने की मांग के साथ एक सशस्त्र बल न्यायाधिकरण पहुंचे हैं कि लाइन आफ कमान में वरिष्ठतम होने के बावजूद अगले नौसेना प्रमुख पद के लिए उन्हें नजरअंदाज क्यों किया गया। यह बात आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बतायी।
सरकार ने गत महीने वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को अगला नौसेना प्रमुख नामित किया था जो कि एडमिरल सुनील लांबा का स्थान लेंगे। एडमिरल लांबा 30 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सरकार ने यह चयन मेरिट आधारित रुख अपनाते हुए किया और पद पर वरिष्ठतम अधिकारी को नियुक्त करने की परंपरा का पालन नहीं किया।
वाइस एडमिरल बिमल वर्मा सिंह से वरिष्ठ हैं और वह शीर्ष पद के लिए दावेदारों में शामिल थे। सूत्रों ने कहा कि वाइस एडमिरल बिमल वर्मा राष्ट्रीय राजधानी स्थित एक सशस्त्र बल न्यायाधिकरण पहुंचे हैं और जानना चाहा है कि सरकार ने उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज क्यों किया। सूत्रों ने कहा कि उनकी याचिका पर मंगलवार को सुनवायी होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने कहा कि वाइस एडमिरल बिमल वर्मा के अलावा नौसेना प्रमुख के लिए अन्य दावेदारों में वाइस चीफ ऑफ नेवल स्टाफ वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार, पश्चिमी नौसेना कमान के एफओसी इन सी वाइस एडमिरल अजित कुमार और दक्षिणी नौसेना कमान के एफओसी इन सी वाइस एडमिरल अनिल कुमार चावला शामिल थे। 2016 में सेना प्रमुख नियुक्त करते समय सरकार ने वरिष्ठता के साथ जाने की पुरानी परंपरा का पालन नहीं किया था।