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वेंकैया नायडू बोले – स्थानीय निकायों को शक्तियों का हस्तांतरण अभी भी संतोषजनक नहीं है

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि स्थानीय निकायों को संवैधानिक रूप से सशक्त बनाने के 26 वर्षों बाद भी शक्तियों का हस्तांतरण और स्थानीय निकायों की कार्यप्रणाली संतोषप्रद भी नहीं है। यहां एक कार्यक्रम के इतर राज्यसभा के सभापति ने कहा कि उन्होंने हमेशा पंचायती राज निकायों को सशक्त बनाने के लिए पर्याप्त धन, कार्यप्रणाली और पदाधिकारियों के हस्तांतरण की आवश्यकता पर बल दिया है। 
नायडू ने कहा, ‘‘स्थानीय निकायों को संवैधानिक रूप से सशक्त बनाने के 26 वर्षों बाद भी शक्तियों का हस्तांतरण और स्थानीय निकायों की कार्यप्रणाली संतोषप्रद भी नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को शक्तियों के हस्तांतरण के संबंध में की गई प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए और यह देखना चाहिए कि सभी 29 विषयों को स्थानीय निकायों को तुरंत हस्तांतरित कर दिया गया है। 
नायडू ने राज्य सरकारों को स्थानीय निकाय चुनाव स्थगित करने के लिए कोई मौका दिये बिना हर पांच साल में निकाय चुनाव कराना अनिवार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों में चुनाव आयोगों की यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि राजनीतिक व्यवस्था और शासन के महत्वपूर्ण संस्थानों पर भरोसा खत्म नहीं हो। इसी तरह राज्य सरकारों का यह कर्तव्य है कि वे स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से चुनाव कराने में मदद के वास्ते एसईएस के आकलन के अनुसार सभी संसाधन उपलब्ध कराये।’’ नायडू ने कहा कि महाराष्ट्र में सामाजिक और राजनीतिक सुधारों की बहुत लंबी परंपरा है। 
उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में स्थानीय सरकार की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध है।’’इस बीच मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त जे एस सहरिया की ओर से जनप्रतिनिधित्व कानून की तर्ज पर राज्य अधिनियम की मांग पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा और अध्यादेश को लागू किया जाएगा। 
फडणवीस ने कहा कि कई चुनावों और चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण विकास और प्रशासन की प्रक्रिया बाधित होती है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि एक वर्ष में 365 दिनों में से 250 दिन आचार संहिता लागू होती है तो विकास और प्रशासन की प्रक्रिया बाधित होती है। यह सुझाव देने के लिए एक समिति हो कि क्या सभी स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ हो सकते हैं।’’ 

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