Uttarakhand: वरुणावत पर्वत में भूस्खलन, उत्तरकाशी से परिवारों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित करेगी सरकार
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उत्तराखंड: वरुणावत पर्वत में भूस्खलन, उत्तरकाशी से परिवारों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित करेगी सरकार

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Uttarakhand: उत्तराखंड के उत्तरकाशी शहर के मध्य वरुणावत पर्वत से लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण जिला प्रशासन ने बफर जोन में रहने वाले परिवारों को विस्थापित करने की योजना प्रस्तावित की है, इसे दीर्घकालिक सुरक्षा उपायों के लिए आवश्यक बताया गया है।

वरुणावत पर्वत के पूर्वी क्षेत्र से भारी भूस्खलन

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में वरुणावत पर्वत से भूस्खलन जारी है। भूस्खलन के खतरे से आशंकित 15 से अधिक परिवारों ने क्षेत्र से पलायन कर लिया है। विस्तृत अध्ययन के लिए टीएचडीसी और भारतीय भूसर्वेक्षण संस्थान (जीएसआइ) की टीम शुक्रवार को उत्तरकाशी पहुंचेगी। बता दें कि गत 27 अगस्त और तीन सितंबर को वरुणावत पर्वत के पूर्वी क्षेत्र से भारी भूस्खलन हुआ था। क्षेत्र से प्राप्त दृश्यों ने भूस्खलन के कारण क्षेत्र की संवेदनशीलता को दर्शाया है।

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लोगों की मदद करेगी सरकार

उत्तरकाशी के डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट कहते हैं, “वर्ष 2003 में यहां भूस्खलन हुआ था, जिसके बाद व्यापक उपचार किया गया था। अब वर्ष 2003 के बाद भूस्खलन दूसरे स्थान पर हुआ है, जिससे क्षेत्र में थोड़ा नुकसान हुआ है। उत्तरकाशी में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन से आई चट्टानें और मलबा बारिश के पानी के साथ नीचे आ रहे हैं। कुछ लोग आस-पास ही रहते हैं, इसलिए हमने एहतियात के तौर पर उन्हें मानसून खत्म होने तक के लिए वहां से हटाने का फैसला किया है। हमने उन परिवारों के रहने की व्यवस्था कर दी है।” उन्होंने आगे कहा, “वरुणावत में भूस्खलन होते ही हमने जिला स्तर पर एक तकनीकी टीम बनाई, जिसने क्षेत्र का सर्वेक्षण किया।

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हमने प्रशासन को रिपोर्ट भेजी, जिसके बाद हमने एक उन्नत तकनीकी टीम मांगी। उन्होंने एक टीम भेजी है, जिसमें विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। वे स्थिति पर नजर रखेंगे। हमें उम्मीद है कि इसके बाद कुछ उचित कदम उठाए जाएंगे।” वर्ष 2003 में जब वरुणावत पर्वत से भीषण भूस्खलन हुआ था, तब शहर में करीब 70 हजार घन मीटर मलबा फैल गया था। उसके बाद भूस्खलन क्षेत्र के ट्रीटमेंट के लिए तांबाखानी से गोफियारा तक की गहराई वाले क्षेत्र को संवेदनशील घोषित करते हुए बफर जोन घोषित किया गया था। उस समय इस जोन में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक थी, लेकिन निगरानी के अभाव में यहां निर्माण कार्य जारी रहा, जिसके चलते यहां बहुमंजिला निर्माण हो गए। अब वरुणावत पर्वत से दोबारा भूस्खलन होने के बाद जिला प्रशासन ने परिवारों के विस्थापन की योजना प्रस्तावित की है।

(Input From ANI)

 

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