UP : गुरु पूर्णिमा के अवसर पर CM योगी ने गोरखनाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना, लोगों को दीं शुभकामनाएं
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UP : गुरु पूर्णिमा के अवसर पर CM योगी ने गोरखनाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना, लोगों को दीं शुभकामनाएं

UP : गुरु पूर्णिमा के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। सीएम आदित्यनाथ ने मंदिर परिसर में बच्चों से बातचीत की और उन्हें चॉकलेट बांटी। आदित्यनाथ ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए एक्स का भी सहारा लिया। उन्होंने कहा, ‘राज्य के लोगों को ‘गुरु पूर्णिमा’ के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं! सभी गुरुजनों को मेरा हार्दिक अभिनंदन और प्रणाम।’

Highlight : 

  • सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर में की पूजा
  • सीएम ने गोरखनाथ मंदिर में बच्चों को बाटी चाॅकलेट
  • आध्यात्मिक गुरुओं से आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालु मंदिर पहुंचे

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर में की पूजा

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देशभर से कई श्रद्धालु अपने आध्यात्मिक गुरुओं से आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर पहुंचे। उन्होंने पवित्र जल में डुबकी लगाई और अपने गुरुओं को श्रद्धांजलि दी। उत्तर प्रदेश में हजारों श्रद्धालुओं ने अयोध्या में पवित्र सरयू नदी में डुबकी लगाई। प्रयागराज संगम और कानपुर में भी ऐसा ही माहौल रहा, जहां श्रद्धालुओं ने गंगा में पवित्र डुबकी लगाई। गढ़मुक्तेश्वर में भी श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा करते देखे गए। उत्तराखंड के हरिद्वार में भी श्रद्धालु गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाते देखे गए।

आध्यात्मिक गुरुओं से आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालु मंदिर पहुंचे

गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर बोलते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन श्रद्धालु अपने गुरुओं के नाम पर प्रार्थना करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में जाते हैं। उन्होंने आगे कहा, गुरु कहलाने में बहुत गर्व होता है। गुरु का दायित्व होता है कि वह अपने शिष्यों में अज्ञानता को समाप्त कर उन्हें ज्ञान प्रदान करें। जिस तरह भगवान की पूजा की जाती है, उसी तरह अपने गुरु की भी पूजा करनी चाहिए।

वाराणसी में गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु मंत्र लेने की भी परंपरा है

बता दें कि, वाराणसी में इस दिन गुरु मंत्र लेने की भी परंपरा है। आज यानी आषाढ़ पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करना बहुत शुभ माना जाता है। गुरु पूर्णिमा को आषाढ़ी पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसी दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। इस सांसारिक जीवन में गुरु का विशेष महत्व होता है। यही वजह है कि भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान से भी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि जैन, बौद्ध और सिख धर्म के लोग भी मनाते हैं। बौद्ध धर्म में भगवान बुद्ध ने इसी दिन पहला धर्म चक्र प्रवर्तन किया था।

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