दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को उन्नाव रेप केस मामले में पीड़िता के चाचा का बयान दर्ज किया। जिसमें भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर मुख्य आरोपी हैं।
जिला न्यायाधीश 2017 में विधायक द्वारा इस महिला को अगवा कर उससे बलात्कार किए जाने के कांड की बंद कमरे में सुनवाई कर रहे हैं। गौरतलब हो कि घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी। पीड़िता के चाचा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसे उत्तर प्रदेश के एक कारागार से लाकर दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया था। पीड़िता के चाचा को 19 साल पुराने एक मामले में दोषी ठहराया गया था और दस साल की कैद की सजा सुनायी गयी थी। सेंगर के भाई अतुल सिंह ने यह मामला दर्ज कराया था।
बता दें कि बयान की रिकॉर्डिंग अधूरी रही और वह दो सितंबर तक चलेगी। उच्चतम न्यायालय ने 2017 के बलात्कार कांड पीड़िता के पिता के खिलाफ हथियार कानून के तहत दर्ज किए गए फर्जी मामले और पुलिस हिरासत में उसकी मौत और महिला के सामूहिक बलात्कार मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित किया था।
अदालत ने कहा था, ‘‘ मीडिया इस जांच में सुनवाई तक जो भी स्थिति हो उसके दौरान किसी भी गवाह की गवाही की पूरी या आंशिक रूप से रिपोर्टिंग, किसी सबूत की प्रशंसा करने या मामले के गुण-दोष पर राय देने से परहेज करेगा।’’
अदालत ने नौ अगस्त को सेंगर के खिलाफ महिला का कथित रूप से अपहरण करने और उससे बलात्कार करने को लेकर आरोप तय किया था।
मालूम हो कि आरोपी ने पीड़िता को उसके माता-पिता की सहमति के बगैर, यह पता होते हुए भी कि उसके साथ बलात्कार किया जाएगा, चार जून 2017 को कथित रूप से सेंगर के घर पर ले जाने को लेकर अतुल सिंह के खिलाफ आरोप तय किये थे। हालांकि दोनों आरोपियों ने आरोप से इनकार किया और इस मामले में गलत तरीके से उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है।