1 – कोरोना वायरस वैक्सीन का ड्राई रन आज से
आज शनिवार से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस की वैक्सीन का ड्राई रन शुरू होने जा रहा है। केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इससे पहले देश के चार राज्यों के दो-दो जिलों में वैक्सीनेशन टीकाकरण की तैयारियों का जायजा लेने के लिए ड्राई रन किया गया था। ड्राई रन सभी राज्यों की राजधानी में कम से कम तीन साइट पर होगा। महाराष्ट्र और केरल संभवत अपनी राजधानी से इतर अन्य बड़े शहरों में ड्राई रन करेंगे। ड्राई रन के दौरान यह देखा जाएगा कि टीकाकरण के लिए लोगों का ऑनलाइन पंजीकरण, डाटा एंट्री, लोगों के मोबाइल पर मैसेज भेजने और टीका लगने के बाद इलेक्ट्रॉनिक प्रमाण पत्र जारी करने में कोई परेशानी तो नहीं आ रही। मॉकड्रिल का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी निरीक्षण करेंगे।
2 – किसान आंदोलन : दिल्ली-NCR को अब तक 27000 करोड़ का नुकसान
दिल्ली व एनसीआर राज्यों को अभी तक 27 हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। और इस नुकसान की वजह है किसान आंदोलन। व्यापारिक संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शुक्रवार को इस व्यापारिक नुकसान का आकलन जारी किया है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर किसान एक महीने से अधिक समय से आंदोलित हैं। इस वजह से दिल्ली से कई राज्यों को जोड़ने वाली सड़कें बंद हैं। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया व राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की पंजाब और हरियाणा से दिल्ली आने वाले माल की आपूर्ति पर बड़ा फर्क पड़ा है। वहीं, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र एवं देश के अन्य राज्यों से दिल्ली आने वाले सामान की आपूर्ति पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 50 हजार ट्रक देशभर के विभिन्न राज्यों से सामान लेकर दिल्ली आते हैं। लगभग 30 हजार ट्रक प्रतिदिन दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों के लिए सामान लेकर जाते हैं। किसान आंदोलन के चलते न केवल दिल्ली सामान आने पर बल्कि दिल्ली से सम्पूर्ण देश में सामान जाने पर भी काफी प्रभाव पड़ा है। ऐसे में जितना जल्दी सरकार और किसान नेताओं के बीच चर्चा के जरिये समाधान निकल जाए उतना अच्छा होगा।
3 – TMC के स्थापना दिवस पर शुभेंदु के भाई सहित 15 नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
पिछले महीने तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए शुभेन्दु अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सौमेन्दु को हटाना बदले की भावना से उठाया गया कदम था। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के गठन को शुक्रवार को 23 साल पूरे हो गए। लेकिन पार्टी के स्थापना दिवस पर ही कोंटाई नगर निकाय में पार्टी के अधिकतर पार्षद उसका साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। 20 सदस्यों वाली कोंटाई नगरपालिका में तृणमूल कांग्रेस के 15 पार्षद शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गए। इसमें कोंटाई नगरपालिका के पूर्व प्रशासक सौमेन्दु अधिकारी भी शामिल हैं जो शुभेन्दु अधिकारी के भाई हैं। शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी सरकार में वरिष्ठ मंत्री थे लेकिन वह पिछले महीने बीजेपी में शामिल हो गए। सौमेन्दु को हाल ही में ममता बनर्जी सरकार ने नगर निकाय के प्रशासक पद से हटा दिया गया था। बता दें कि बंगाल में इस साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।
4 – WINTER UPDATES : अभी और सताएगी ठंड, दिल्ली-यूपी में बारिश का अलर्ट
कल राजधानी में मौसम का सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया। अब मौसम विभाग ने चेतावनी दी है शनिवार को दिल्ली समेत हरियाणा और उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की तीव्रता के साथ बारिश हो सकती है, जिससे ठंड बढ़ जाएगी। बता दें कि दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में किसानों को इसके चलते परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हरियाणा के झज्जर, रोहतक, जींद, पानीपत, करनाल, कैथल और उत्तर प्रदेश के शामली, देवबंद और सहारनपुर के कुछ हिस्सों में और आसपास के क्षेत्रों में हल्की तीव्रता की बारिश होने की संभावना है।
5 – ट्रंप को मिला बड़ा झटका, सीनेट ने रक्षा बिल के वीटो को किया खारिज
सीनेट के दो-तिहाई से अधिक सदस्यों ने इस बिल का समर्थन करते हुए ट्रम्प के वीटो को शुक्रवार को खारिज कर दिया। सीनेट के इस फैसले को ट्रम्प के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। उनके कार्यकाल में ऐसा पहली बार हुआ है। सीनेट ने 81-13 के अंतर से नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट (एडीएए) नामक इस रक्षा बिल को पारित किया है। अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने 740 अरब डॉलर वाले इस रक्षा खर्च बिल को 322-87 के अंतर से सोमवार को ही पारित कर दिया था। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने बिल पर विचार के लिए उसे रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत वाले सीनेट के पास भेजा था। इस बिल के जरिये ही अगले एक वर्ष तक अमेरिका की रक्षा नीति पर खर्च किया जायेगा। कुछ ही सप्ताह में राष्ट्रपति पद छोड़ने जा रहे ट्रम्प ने इस विधेयक के कुछ प्रावधानों का विरोध किया था। उन्होंने ऐसी नीतियों का विरोध किया है जो अफगानिस्तान और यूरोप में अमेरिकी सैनिकों को हटाने की संख्या को सीमित करती हैं।