जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आज कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। बताया जा रहा है कि इस मामले से जुड़ी 14 याचिकाओं पर सुनवाई होगी। जम्मू- कश्मीर में संचार पर पाबंदियों सहित कई प्रतिबंधों को हटाने की मांग करते हुए ये याचिकाएं दायर की गई हैं।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में कश्मीर से इंटरनेट और संचार सेवाओं समेत दूसरी पाबंदियों को हटाने की मांग वाली याचिकाओं पर आज ही सुनवाई होगी। एक वकील की तरफ से दायर याचिका में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को लेकर जारी की गई अधिसूचना को असंवैधानिक बताया गया है। वहीँ, इन याचिकाओं में पत्रकारों को अपने दायित्वों का निर्वाह करने में परेशानी का भी उल्लेख किया गया है।
साथ ही, कश्मीर टाइम्स की एक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन ने भी अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद पत्रकारों पर लगाए गए नियंत्रण समाप्त करने की मांग की अर्जी दाखिल की है।
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वहीँ, अधिवक्ता एमएल शर्मा ने भी अनुच्छेद 370 समाप्त करने के खिलाफ याचिका दायर की है, जबकि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी और नेशनल कांफ्रेंस सांसद मोहम्मद अकबर लोन जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में केंद्र द्वारा किये गए बदलावों को चुनौती दी है।
जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद, पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल और राधा कुमार जैसे प्रख्यात हस्तियों सहित अन्य भी इसमें शामिल हैं। वहीँ, सीताराम येचुरी (माकपा नेता) ने भी एक याचिका दायर कर अपनी पार्टी के नेता मोहम्मद तारिगामी को पेश करने की मांग की है, जिन्हें अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है।
बता दें कि पांच अगस्त को केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का निर्णय लिया था।