तीन तलाक बीते 1,400 वर्षों से आस्था का मामला है : AIMPLB ने SC से कहा - Punjab Kesari
Girl in a jacket

तीन तलाक बीते 1,400 वर्षों से आस्था का मामला है : AIMPLB ने SC से कहा

NULL

नयी दिल्ली   :  ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि तीन तलाक आस्था का मामला है जिसका मुस्लिम बीते 1,400 वर्ष से पालन करते आ रहे हैं इसलिए इस मामले में संवैधानिक नैतिकता और समानता का सवाल नहीं उठता है। मुस्लिम संगठन ने तीन तलाक को हिंदू धर्म की उस मान्यता के समान बताया जिसमें माना जाता है कि भगवान राम अयोध्या में जन्मे थे।

एआईएमपीएलबी की ओर से पेश पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, ”तीन तलाक सन 637 से है। इसे गैर-इस्लामी बताने वाले हम कौन होते हैं। मुस्लिम बीते 1,400 वर्षों से इसका पालन करते आ रहे हैं। यह आस्था का मामला है। इसलिए इसमें संवैधानिक नैतिकता और समानता का कोई सवाल नहीं उठता।” उन्होंने एक तथ्य का हवाला देते हुए कहा कि तीन तलाक का स्रोत हदीस पाया जा सकता है और यह पैगम्बर मोहम्मद के समय के बाद अस्तित्व में आया। मुस्लिम संगठन ने ये दलीलें जिस पीठ के समक्ष दी उसका हिस्सा न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर भी हैं।

कल, केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि यदि ‘तीन तलाक’ समेत तलाक के सभी रूपों को खत्म कर दिया जाता है तो मुस्लिम समुदाय में निकाह और तलाक के नियमन के लिए वह नया कानून लेकर आएगा। तीन तलाक, बहुविवाह और निकाह हलाला को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई का आज चौथा दिन है। जिस पीठ के समक्ष यह सुनवाई हो रही है उसमें सिख, ईसाई, पारसी, हिंदू और मुस्लिम समेत विभिन्न धार्मिक समुदायों के सदस्य शामिल हैं।

(भाषा)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 × three =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।