ULLAS कार्यक्रम के तहत मिजोरम ने 100% साक्षरता दर हासिल की है, जिससे यह देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है। 2011 में 91.33% साक्षरता दर से शुरू होकर, राज्य ने सुनियोजित प्रयासों से यह लक्ष्य प्राप्त किया, जिसमें सरकारी और स्वयंसेवकों की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Mizoram News: भारत में शिक्षा के क्षेत्र में मिजोरम ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. अब यह देश का पहला राज्य बन चुका है जहां एक भी व्यक्ति निरक्षर नहीं है. केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में इस उपलब्धि की आधिकारिक घोषणा की है. केरल जैसे पारंपरिक रूप से शिक्षा में अग्रणी राज्य को पीछे छोड़ते हुए मिजोरम ने 100% साक्षरता दर प्राप्त की है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्ण साक्षरता का मतलब है कि राज्य में 15 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति अब न पढ़ने-लिखने में अक्षम नहीं है. हर नागरिक अब पढ़ने, लिखने और बुनियादी गणना (गुणा-भाग) करने में सक्षम है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मिजोरम को यह लक्ष्य ULLAS (उल्लास) – नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत प्राप्त हुआ है.
मिजोरम ने यह लक्ष्य कैसे हासिल किया?
इस कामयाबी के पीछे कई वर्ष की मेहनत और सुनियोजित प्रयास रहे हैं. 2011 की जनगणना में मिजोरम की साक्षरता दर पहले से ही 91.33% थी, जो भारत में तीसरे स्थान पर थी. वहीं जब 2023 में राज्यव्यापी सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 3,026 निरक्षर व्यक्तियों की पहचान हुई. इनमें से 1,692 लोगों ने नियमित रूप से अध्ययन शुरू किया. इसके बाद साक्षरता दर बढ़कर 98.20% तक पहुंच गई.
इस दौरान सरकार ने 292 स्वयंसेवकों की टीम गठित की, जिसमें शिक्षक, छात्र, एक्स्पर्ट्स और क्लस्टर रिसोर्स कोऑर्डिनेटर शामिल थे. इन्हीं प्रयासों के चलते मिजोरम ने 100% साक्षरता दर का लक्ष्य प्राप्त कर लिया.
लद्दाख की उपलब्धि
दरअसल, लद्दाख पहले ही ULLAS कार्यक्रम के तहत पूर्ण साक्षर “प्रशासनिक इकाई” बन चुका है, लेकिन मिजोरम पहला राज्य है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है.
भारत के टॉप 5 साक्षर राज्य
नए आंकड़ों के अनुसार, भारत में शिक्षा के मामले में सबसे आगे रहने वाले राज्य हैं:
मिजोरम – 100%
गोवा – 99.9%
सिक्किम – 99.9%
केरल – 96.2%
दिल्ली – लगभग 95%
PM मोदी ने छत्तीसगढ़ में 5 रेलवे स्टेशनों का किया वर्चुअल उद्घाटन
यूपी और बिहार का स्थान
इस बीच बिहार की साक्षरता दर की बात करें तो वह फिलहाल 91.9% है, जो राष्ट्रीय औसत से नीचे है. वहीं उत्तर प्रदेश की साक्षरता दर 92.3% है, जो बिहार से थोड़ी बेहतर जरूर है, लेकिन सुधार की काफी गुंजाइश है. इसके अलावा उत्तराखंड की 2011 की जनगणना के अनुसार साक्षरता दर 78.82% थी. नए आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन यह शीर्ष राज्यों से अभी काफी पीछे है.