प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने पहलगाम आतंकी हमले पर पाकिस्तान से आए मुस्लिमों को दोषी ठहराया और इसे पूर्व नियोजित नरसंहार बताया। उन्होंने कहा कि हमलावरों ने हिन्दुओं को निशाना बनाया और कलमा न पढ़ पाने पर उनकी हत्या की। ठाकुर ने इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया, जो हिन्दू महिलाओं के सुहाग का प्रतीक है।
Pragya Thakur Statement: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक बार फिर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि यह हमला आतंकियों ने नहीं, बल्कि पाकिस्तान से आए कुछ मुस्लिमों ने योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया, जिसमें धर्म पूछकर विशेष रूप से हिन्दुओं को निशाना बनाया गया.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की व्याख्या की. उन्होंने कहा कि यह अभियान हिन्दुत्व की भावना से प्रेरित है. उन्होंने कहा, “सिन्दूर हिन्दू महिलाओं के सुहाग का प्रतीक है, और पाकिस्तान से आए लोगों ने पहलगाम में कई महिलाओं का सुहाग उजाड़ दिया. इसलिए इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया, जो उन भावनाओं का प्रतीक है जिन्हें ठेस पहुंचाई गई.”
“भारत नहीं छोड़ेगा दोषियों को”
उन्होंने इस आतंकी घटना को ‘हृदय विदारक’ बताते हुए कहा कि जिन्होंने इस कायराना हरकत को अंजाम दिया है, उन्हें भारत कभी नहीं छोड़ेगा. साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि उन देशों को भी इसका खामियाजा भुगतना होगा जो आतंकियों को पनाह और समर्थन देते हैं.
“पाकिस्तान में हर स्तर पर आतंक”
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, “वहां सेना, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक सभी आतंक के समर्थक हैं. इसलिए पूरे पाकिस्तान को आतंकवादी देश कहना गलत नहीं होगा.” उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में आए हमलावरों ने जानबूझकर हिन्दुओं की हत्या की और किसी मुसलमान को नुकसान नहीं पहुँचाया.
“कलमा न पढ़ पाने पर की हत्या”
प्रज्ञा सिंह ठाकुर का दावा है कि आतंकियों ने पहचान के लिए लोगों से उनका धर्म पूछा और जिन लोगों ने खुद को मुसलमान बताया, उनसे कलमा पढ़ने को कहा गया. जो ऐसा नहीं कर पाए, उन्हें मार दिया गया. यह पूर्व नियोजित नरसंहार था, जिसमें केवल हिन्दुओं को निशाना बनाया गया.
‘उमर अब्दुल्ला-महबूबा मुफ्ती पर साधा निशाना’
बता दें कि आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य के पास नहीं बल्कि उप राज्यपाल के पास होती है.
इसका जवाब देते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर आरोप लगाया कि ये दोनों नेता अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक ऐसे लोग कश्मीर की राजनीति में सक्रिय रहेंगे, तब तक वहां स्थायी शांति संभव नहीं है.
NDA में रचा गया इतिहास, पहली बार 17 महिला कैडेट्स ने पूरी की स्नातक की पढ़ाई
‘तो तुम्हें काटना हमारा धर्म है’
वहीं प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने इंदौर में करणी सेना की पराक्रम यात्रा के दौरान भी एक बयान दिया जो बेहद चर्चा में बना हुआ है. गाय के विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. हैदराबाद में किसी व्यक्ति द्वारा ‘गाय काटना हमारा धर्म है’ कहने पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, ‘अगर तुम्हारा धर्म गाय को काटना है, तो फिर तुम्हें काटना हमारा धर्म है.’