केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कौशल विकास में लचीलेपन की आवश्यकता पर जोर दिया, यह कहते हुए कि राज्यों को अपने युवाओं की आकांक्षाओं के अनुसार समाधान तैयार करने चाहिए। उन्होंने हैदराबाद और चेन्नई में नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की घोषणा की, जो उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षक प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय संदर्भ बिंदु होंगे।
कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने कहा कि कौशल विकास के लिए कोई निश्चित रूपरेखा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि सार्थक प्रभाव और निरंतर परिवर्तन के लिए हमें राज्यों को ऐसे समाधान तैयार करने के लिए सशक्त बनाना चाहिए, जो उनके युवाओं की आकांक्षाओं के अनुरूप हों। हैदराबाद के कान्हा शांति वनम में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा आयोजित कौशल मंथन क्षेत्रीय कार्यशाला में केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कौशल विकास में कठोर, एक ही तरह के दृष्टिकोण से दूर जाने का आह्वान किया। केंद्रीय मंत्री ने हैदराबाद और चेन्नई में राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में देश भर के प्रस्तावित पांच में से दो नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की घोषणा की। ये केंद्र उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षक प्रशिक्षण और उभरते क्षेत्रों के साथ जुड़े विशेष कौशल के लिए राष्ट्रीय संदर्भ बिंदु के रूप में काम करेंगे।
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने राज्यों के लिए कौशल विकास के अधिक रणनीतिक, परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो भारत के युवाओं की आकांक्षाओं और अर्थव्यवस्था की उभरती मांगों के साथ गहराई से जुड़ा हुआ हो।
Jayant Chaudhary ने पूर्व PM Chaudhary Charan Singh की बात करते हुए BJP Government के लिए कही ये बात
केंद्रीय मंत्री ने ट्रेनर्स को क्वालिटी ट्रेनिंग जितना महत्वपूर्ण बताते हुए बेहतर संस्थागत क्षमता, प्रतिस्पर्धी पारिश्रमिक और कठोर शैक्षणिक मानकों के जरिए फैकल्टी डेवलपमेंट में डेडिकेटेड इन्वेस्टमेंट का आह्वान किया।