भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम उठाया है, जिसमें 52 देशों में 3 सांसदों का डेलिगेशन रवाना होगा। यह अभियान पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क को उजागर करने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की जवाबी कार्रवाई से अवगत कराने का प्रयास करेगा।
Indian Delegation: भारत सरकार ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम उठाया है. इस अभियान ने न सिर्फ आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार किया है, बल्कि पाकिस्तान द्वारा आतंक को संरक्षण देने की हकीकत को भी उजागर करने की दिशा में एक नई पहल की शुरुआत की है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब इस पूरे अभियान की जानकारी अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंचाने जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार ने देश की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के नेताओं और वरिष्ठ राजनयिकों को साथ लेकर एक विशेष योजना बनाई है. 7 डेलिगेशन में कुल 51 राजनीतिक नेता और 85 राजनयिक 32 देशों की यात्रा करेंगे, जहां वे पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क और भारत की जवाबी कार्रवाई की जानकारी साझा करेंगे.
पहले डेलिगेशन की कमान संजय झा के पास
जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा पहले डेलिगेशन का नेतृत्व कर रहे हैं, जो 21 मई को विदेश रवाना हो रहा है. इस टीम में बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी, टीएमसी के अभिषेक बनर्जी, बीजेपी के बृजलाल, सीपीआई सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद सहित अन्य नेता और राजदूत मोहन कुमार शामिल हैं. यह प्रतिनिधिमंडल जापान, इंडोनेशिया, मलेशिया, साउथ कोरिया और सिंगापुर का दौरा करेगा.
दूसरे डेलिगेशन की अगुवाई करेंगे श्रीकांत शिंदे
शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में दूसरा डेलिगेशन भी 21 मई को रवाना हो रहा है. इसमें बीजेपी की बांसुरी स्वराज, IUML के ईटी मोहम्मद बशीर, सस्मिता पात्रा, अतुल गर्ग, मनन कुमार मिश्रा, एसएस अहलूवालिया और राजदूत सुजन चिनॉय शामिल हैं. यह टीम यूएई, कांगो, सिएरा लियोन और लाइबेरिया की यात्रा करेगी.
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तीसरे डेलिगेशन की कमान संभालेंगे कनिमोझी
डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में तीसरा डेलिगेशन 22 मई को रूस के लिए रवाना होगा. वहां से स्लोवेनिया, ग्रीस, लात्विया होते हुए यह दल 31 मई को स्पेन पहुंचेगा.
शशि थरूर की टीम इन देशों का करेगी दौरा
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक और डेलिगेशन अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया का दौरा करेगा. इस डेलिगेशन में कांग्रेस के अन्य नेता मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद, आनंद शर्मा और अमर सिंह भी शामिल हैं.
वहीं, कुछ कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी द्वारा प्रस्तावित नामों को बदल दिया गया है, लेकिन पार्टी का कहना है कि विदेशों में राष्ट्रहित सर्वोपरि है, न कि दलगत राजनीति.
किन-किन देशों को क्यों किया गया चयनित?
अफ्रीकी देश: वैश्विक दक्षिण को आतंक के विरुद्ध एकजुट करने के उद्देश्य से चुना गया है.
खाड़ी देश: टेरर फंडिंग और क्षेत्रीय सुरक्षा खतरों को उजागर करने हेतु चुने गए हैं.
यूरोपीय देश: UNSC और वैश्विक निर्णय प्रक्रिया में प्रभावशाली भूमिका निभाने वाले देशों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए चुने गए हैं.
अमेरिका: खुफिया सहयोग और रणनीतिक समन्वय को मजबूत करने के लिए चुना गया है.
पूर्वी एशिया: समुद्री सुरक्षा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में आतंक के खतरे से निपटने की रणनीति को साझा करने के लिए चुना गया है.