केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आपातकाल को देश के लोकतंत्र का काला अध्याय बताते हुये कहा कि भावी पीढ़ को आपातकाल के संघर्ष की जानकारी देने के लिये अब इसे पाठ्यक्रम में जोड़ा जायेगा। जावड़ेकर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुये कहा कि भावी पीढ़ को लोकतंत्र में विश्वास पैदा करने और आपात काल के काले अध्याय की सही जानकारी देने के लिये इसे स्कूली और कॉलेज के पाठयक्रमों में शामिल किया जायगा। इसके लिये शिक्षा विदों से बातचीत कर शीघ, ही नीति बनायी जायगी। उन्होंने कहा कि इसके तहत आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा में जुटे नेताओं के संघर्ष को कहानियों के रूप में शामिल किया जायगा।
इन पाठयक्रमों में कांग्रेस द्वारा अपनी सत्ता बचाने के लिये लगाये गये आपातकाल की भी जानकारी का समावेश किया जायेगा। उन्होंने कहा कि देश में 43 वर्ष पूर्व श्रीमती इंदिरा गांधी ने सत्ता को बनाये रखने के लिये आपात काल लगाया था जिसके कारण देश के कई नेताओं को जेलों में ठूंसा गया और उन्हें यातनाएं दी गयी। इसके बावजूद तत्कालीन नेताओं ने देश के लोकतंत्र को बनाये रखने के लिये यातनाएं सहते हुये इसका मुकाबला किया।
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