केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि हज यात्रा पर जीएसटी घटकर पांच प्रतिशत होने से हज यात्रियों की कुल 113 करोड़ रुपये की बचत होगी। केन्द्र ने हाल ही में जीएसटी का दर 18 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत किया है। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के बाद पहली बार भारत से 2,300 से ज्यादा मुस्लिम महिलाएं बिना ‘मेहरम’ (पुरुष रिश्तेदार) के इस वर्ष हज यात्रा पर जाएंगी।
दिल्ली के आरके पुरम इलाके में हज डिविजन के नए कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर नकवी ने कहा, ‘‘ हज यात्रा पर लगने वाले जीएसटी को 18 से घटा कर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। इससे वर्ष 2019 में हज यात्रा पर जाने वाले हज यात्रियों को 113 करोड़ रुपए की बचत होगी।’’ उन्होंने कहा कि इससे हज यात्रा के लिए लगने वाले किराए में भी कमी आएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ हज 2019 के लिए बिना मेहरम के हज पर जाने के लिए 2,340 मुस्लिम महिलाओं ने आवेदन किया है। पिछले वर्ष की तरह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर बिना मेहरम के हज पर जाने के लिए आवेदन करने वाली इन महिलाओं को बिना लॉटरी के हज यात्रा पर जाने की व्यवस्था की गई है।’’
नकवी ने कहा कि हज 2019 के लिए 2 लाख 67 हजार से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें 1,64,902 आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं। मंत्री ने कहा कि 2018 में आजादी के बाद पहली बार रिकॉर्ड 1 लाख 75 हजार 25 भारतीय मुसलमान बिना “सब्सिडी” के हज के लिए गए जिनमे लगभग 48 प्रतिशत महिलाएं थीं।