केन्द्रीय कार्मिक, जनशिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डा़. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि राष्ट्रीय पिछड़ वर्ग आयोग जातियों के वर्गीकरण के संबंध में अपनी रिपोर्ट 31 मई 2019 तक देगा। डा. सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के विकास महात्मे के ‘आरक्षण नीतियों को क्रियान्वित करने के लिए वर्तमान पद्धति के स्थान पर भारित सूचकांक पद्धति’ अपनाने के संबंध में लाये गये गैर सरकारी संकल्प पर हुई चर्चा के बाद कहा कि सरकार सभी वर्गों को समान अवसर देने तथा सभी के साथ न्याय करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्ग में आरक्षण को लेकर उठे सवालों के समाधान के लिए राष्ट्रीय अन्य पिछड़ वर्ग आयोग जातियों के वर्गीकरण पर काम कर रहा है। इसके लिए न्यायमूर्ति जी रोहिणी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी थी। समिति देश भर से संबंधित आंकडे जुटा रही है और इस काम के लिए उसने कुछ समय मांगा है।
सरकार ने ओबीसी आयोग से यह रिपोर्ट 31 मई 2019 तक देने को कहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ओबीसी सहित सभी वर्गों को समान अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी कड़ में ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है। उन्होंने डा। महात्मे को आश्वासन दिया कि सरकार उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी और इनका समधान करने का प्रयास किया जायेगा। डा. महात्मे ने कहा कि वह सरकार के जवाब से संतुष्ट हैं और अपना संकल्प वापस लेते हैं।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि ओबीसी वर्ग को आरक्षण सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़पन के कारण दिया गया था और जब तक ये कारण रहते हैं तब तक इस आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि ओबीसी आरक्षण में किन जातियों को ज्यादा लाभ मिल रहा है इस तरह के जो सवाल उठ रहे हैं इनके जवाब के लिए सरकार को एक सर्वेक्षण कराना चाहिए।