भारत के BFSI सेक्टर में 'Gen Z' वर्कफोर्स की बढ़ी तादाद, महज दो वर्षों में दोगुनी वृद्धि - Punjab Kesari
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भारत के BFSI सेक्टर में ‘Gen Z’ वर्कफोर्स की बढ़ी तादाद, महज दो वर्षों में दोगुनी वृद्धि

बीएफएसआई सेक्टर में जेन जी वर्कफोर्स की दोगुनी वृद्धि

भारत में बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विस और इंश्योरेंस (बीएफएसआई) सेक्टर के वर्कफोर्स में ‘जेन जी’ की तादाद केवल दो वर्षों में लगभग दोगुनी हो गई है। यह 2023 से लगभग 12 प्रतिशत बढ़कर 2025 में लगभग 23 प्रतिशत हो गई है। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

यह पीढ़ीगत बदलाव संगठनों के वर्कप्लेस कल्चर के प्रति दृष्टिकोण को प्रभावित कर रहा है।

‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियां अब फ्लेक्सिबल वर्क एनवायरमेंट, करियर विकास और समावेशी मूल्यों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही हैं, ये सभी कारक युवा कर्मचारियों के लिए बेहद मायने रखते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बीएफएसआई सेक्टर डिजिटल हो रहा है, खासकर युवाओं के लिए पीपल-सेंट्रिक भी हो रहा है।

‘ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया’ के सीईओ बलबीर सिंह ने कहा कि फाइनेंशियल सर्विस इंडस्ट्री तेजी से बदल रही है और आगे रहने के लिए कंपनियों को ग्राहकों और कर्मचारियों दोनों के लिए इनोवेशन पर ध्यान देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे ‘डिजिटल अपनाने और वित्तीय समावेशन’ में तेजी आ रही है, यह जरूरी है कि हम इस बदलाव को लाने वाले लोगों के लिए बेहतर अनुभव को सक्रिय रूप से आकार दें।

इस क्षेत्र के 86 प्रतिशत कर्मचारियों को लगता है कि उनका संगठन काम करने के लिए एक बेहतरीन जगह है।

पिछले दो वर्षों में ‘संतुष्टि’ का यह उच्च स्तर स्थिर रहा है, यह दर्शाता है कि कंपनियां वर्क कल्चर को बेहतर बनाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही हैं।

एजेन्टिक एआई और रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (आरपीए) जैसी डिजिटल टेक्नोलॉजी इस सेक्टर को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

ये इनोवेशन कई कार्यों को स्वचालित करने में मदद कर रहे हैं, जैसे पॉलिसी सर्विसिंग, क्लेम मैनेजमेंट और क्रेडिट प्रोसेसिंग। साथ ही, वे ग्राहकों के लिए अधिक व्यक्तिगत सेवाएं सक्षम कर रहे हैं, जो दक्षता और ग्राहक संतुष्टि को बढ़ाता है।

रिपोर्ट यह भी दिखाती है कि जो कंपनियां निष्पक्ष व्यवहार, मनोवैज्ञानिक सुरक्षा और करियर विकास पर ध्यान केंद्रित करती हैं, उनके कर्मचारी बेहतर बने रहते हैं।

इन कंपनियों में ऐसे कर्मचारी होने की संभावना अधिक है, जो बदलाव के साथ जल्दी से तालमेल बिठा सकते हैं और जो नेतृत्व पर भरोसा करते हैं।

इंश्योरेंस कंपनियां और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) मजबूत और आकर्षक वर्कप्लेस बनाने में तेजी से आगे आ रही हैं।

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