मातृभूमि की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने वाले सैनिकों का राष्ट्र सदैव ऋणी रहेगा - रक्षा मंत्री - Punjab Kesari
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मातृभूमि की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने वाले सैनिकों का राष्ट्र सदैव ऋणी रहेगा – रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि सरकार देश को खतरों से बचाने के लिए सशस्त्र बलों को नवीनतम हथियारों और प्लेटफार्मों से लैस कर रही है।
सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार – रक्षा मंत्री
शहीद नायकों की वीरता और बलिदान का सम्मान करने और उनके परिवारों को समर्थन देने के लिए सूरत में एक गैर सरकारी संगठन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सिंह ने राष्ट्र को आश्‍वासन दिया कि सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है और वह बुरी नजर डालने की कोशिश करने वाले किसी को भी मुंहतोड़ जवाब देगी।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह राष्ट्र की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वह शहीद नायकों, सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों के परिवारों के साथ-साथ उनके आश्रितों का कल्याण सुनिश्चित करे, जिनका बेजोड़ बलिदान, प्रतिबद्धता और देशभक्ति एक सुरक्षित और समृद्ध भारत का आधार है।
बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सिंह ने कहा कि मातृभूमि की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने वाले सैनिकों का राष्ट्र सदैव ऋणी रहेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बल के जवानों की सराहना की
उन्होंने सरकार के ‘भारत की सुरक्षा पहले’ दृष्टिकोण के साथ अपने कर्तव्यों का सफलतापूर्वक निर्वहन करने के लिए सशस्त्र बल के जवानों की सराहना करते हुए कहा कि लोग राष्ट्र निर्माण में योगदान देने में सक्षम हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि सीमाएं सुरक्षित हैं। उन्होंने ‘इन हीरों को जिनकी चमक पूरे देश को रोशन करती है पैदा करने के लिए परिवार के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया।
रक्षा मंत्री ने हीरे बनाने की प्रक्रिया और युवाओं को असाधारण सैनिकों में बदलने की प्रक्रिया के बीच बताईं समानताएं 
रक्षा मंत्री ने हीरे बनाने की प्रक्रिया और युवाओं को असाधारण सैनिकों में बदलने की प्रक्रिया के बीच समानताएं बताईं। उन्होंने कहा, “जिस तरह बहुत अधिक तापमान और दबाव कार्बन परमाणुओं को हीरे में बदल देता है, उसी तरह जिन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सैनिक देश की सेवा करते हैं, वे सामान्य युवाओं को हीरे में बदल देते हैं। अपनी चमक से ये हीरे हमें अंधेरे से बचाते हैं।”
सिंह ने कारोबारी नेताओं को व्यक्तिगत लाभ से अधिक राष्ट्र निर्माण को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करने का अवसर लिया और इस बात पर जोर दिया कि पैसे को एक साधन के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि अंतिम जीवन लक्ष्य के रूप में। उन्होंने गुजरात के ऐतिहासिक महत्व और राष्ट्र की प्रगति में इसकी भूमिका के बारे में भी बात की।
गुजरात कवि नरसिंह मेहता जैसी प्रमुख विभूतियों का जन्मस्थान है – सिंह
उन्होंने कहा, “गुजरात कवि नरसिंह मेहता जैसी प्रमुख विभूतियों का जन्मस्थान है, जिन्होंने अपनी भक्ति और साहित्य के माध्यम से तत्कालीन समाज को एकजुट किया; राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जिनके आदर्शों और सिद्धांतों ने हमारी आजादी सुनिश्चित की, भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जिन्होंने देश की एकता और अखंडता को मजबूत किया, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का कद बढ़ाया और देश को समृद्धि और सुरक्षा के पथ पर आगे बढ़ाया। अंतिम, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि यह उन अनगिनत सैनिकों का जन्मस्थान भी है, जो अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी सीमाओं की सुरक्षा बढ़ाते हैं।“

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