उच्चतम न्यायालय के फैसले में ट्रांसजेंडर समुदाय को दिखी उम्मीद की किरण - Punjab Kesari
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उच्चतम न्यायालय के फैसले में ट्रांसजेंडर समुदाय को दिखी उम्मीद की किरण

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नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय की ओर से हाल ही में निजता के अधिकार को संविधान के तहत मौलिक अधिकार करार दिए जाने के बाद देश के ट्रांसजेंडर समुदाय को उम्मीद है कि यह फैसला न सिर्फ समलैंगिकता विरोधी कानून को रद्द करेगा, बल्कि लैंगिक पहचान और यौन रूझान को लेकर लोगों की सोच भी बदलेगा। मणिपुर से ताल्लुक रखने वाली ट्रांसजेंडर सुंदरी रोहित खुमंतम ने कहा कि सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि लोगों की सोच बदले।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, हमारे समुदाय के सशक्तीकरण की दिशा में पहला कदम यह होगा कि समाज की तरफ से हमें स्वीकार्यता मिले। इसके लिए, यह जरूरी है कि लोग ट्रांसजेंडरों को अपनी तरह इंसान समझें।  वह यहां मिस ट्रांसक्वीन 2017  में भाग लेने आई थीं। यह देश में ट्रांसजेंडर के लिए पहली सौंदर्य प्रतियोगिता है। इस प्रतियोगिता की शुरूआत रीना राय ने की है और इसका मकसद ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को अपनी प्रतिभा और सौंदर्य का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। इसमें इस समुदाय के करीब 1500 लोगों ने हिस्सा लिया।

रीना का मानना है कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए गरिमामयी जीवन जीने का सपना जल्द पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय के फैसले के हिसाब से देखें तो समुदाय को जल्द उचित शिक्षा और रोजगार तथा गरिमामयी जीवन मिल सकता है।

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