Social Media से फैल रही हिंसा को रोकने में लगातार जुटी सरकार - रविशंकर प्रसाद - Punjab Kesari
Girl in a jacket

Social Media से फैल रही हिंसा को रोकने में लगातार जुटी सरकार – रविशंकर प्रसाद

सोशल मीडिया मंचों पर घृणा, हिंसा और आतंकवाद की घटनाओं को बढ़ावा दिये जाने की प्रवृति पर राज्यसभा

सोशल मीडिया मंचों पर घृणा, हिंसा और आतंकवाद की घटनाओं को बढ़ावा दिये जाने की प्रवृति पर राज्यसभा में सदस्यों द्वारा आज चिंता जताए जाने के बीच केंद्र ने कहा कि वह नागरिकों की अभिव्यक्ति के अधिकार के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन सोशल मीडिया मंचों को भी सुनिश्चित करना होगा कि इनका इस्तेमाल आतंकवाद, चरमपंथ, हिंसा और अपराध को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जाए।

सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया के दोनों पहलू हैं। उन्होंने कहा कि एक चुनौती सामने आयी है लेकिन इसकी वजह से सोशल मीडिया के ‘‘व्यक्तित्व’’ को समाप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी समूह द्वारा हिंसा को बढ़ावा दिया जाना चुनौती है।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का दूसरा पहलू इसका दुरूपयोग है। इस माध्यम से हिंसा को बढ़ावा दिए जाने के मामलों में हम संज्ञान लेते हैं। अपुष्ट खबरों के कारण हिंसा के मामलों में कार्रवाई हुयी है और लोग जेल भेजे गए हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि अगर फेक न्यूज से लोग मरते हैं तो सोशल मीडिया मंच अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।

उन्होंने कहा कि हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सूचना व जानकारी के अधिकार के बीच संतुलन स्थापित करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत की डिजिटल ताकत की वजह से आम आदमी के हाथ में सूचना की ताकत और सवाल पूछने की हिम्मत है।

प्रसाद ने सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग का जिक्र करते हुए कहा कि इससे बच्चे पढ़ रहे हैं, छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और सरकार किसानों तक उचित जानकारी पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की सार्थकता पर सवाल नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने मुसीबत में फंसे लोगों के ट्वीट पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा मदद किए जाने का जिक्र किया और कहा कि सोशल मीडिया ने देश को अधिकारसंपन्न बनाने में मदद की है। उन्होंने कहा कि अपने देश में लोकतंत्र 70 साल का हो गया है और लोगों को सवाल पूछने का अधिकार है।

कार्टूनों को लोकतंत्र का गहना बताते हुए प्रसाद ने कहा कि कुछ लोगों को इससे भी परेशानी होती है और इस संबंध में लोगों को जेल में भी बंद कर दिया गया।

सोशल मीडिया मंचों के दुरूपयोग के विषय पर राज्यसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार भारत के संविधान के अनुरूप अपने नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं निजता के अधिकार के लिए प्रतिबद्ध है।

हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘सरकार सोशल नेटवर्क मंच पर आने वाली विषय वस्तु का नियमन नहीं करती है।’’ प्रसाद ने कहा कि सोशल नेटवर्किंग साइटों को सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 एवं उसके नियमों के तहत उपयुक्त कार्रवाई करनी चाहिए। ‘‘उन्हें भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(2) का पालन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका इस्तेमाल आतंकवाद, चरमपंथ, हिंसा और अपराध को बढ़ावा देने के लिए नहीं होना चाहिए।’’

उनहोंने देश में सोशल मीडिया मंचों के बढ़ते प्रयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में मार्च 2018 तक 19.4 करोड़ फेसबुक यूजर, 2.6 करोड़ ट्विटर यूजर, 4.2 करोड़ यूट्यूब यूजर और फरवरी 2018 तक 20 करोड़ व्हाट्स एप यूजर थे।

उन्होंने हाल में उपजे केम्ब्रिज एनेलिटिका विवाद सहित सोशल मीडिया मंचों पर नियमों का उल्लंघन करने वाले मामलों में सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई का विस्तृत विवरण दिया।

इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हुए भाजपा के वी मुरलीधरन ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार आईटी क्षेत्र और नागरिकों के डिजिटल सशक्तीकरण पर काफी ध्यान दे रही है। लेकिन देश में कुछ ताकतें हैं जो अशांति और हिंसा करवाना चाहती हैं और वे इन मंचों का दुरूपयोग कर रही हैं।

मुरलीधरन ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल कुछ लोग अपने राजनीतिक विरोधियों की छवि बिगाड़ने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नेता आए दिन इस तरह के ट्वीट करते हैं और फिर उन्हें वापस ले लेते हैं।

नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भारत जैसी सभ्यता में सोशल मीडिया के जरिये हिंसा की घटनाओं को बढ़ावा दिया जाना, शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस तरह की घटनाओं में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि देश में पीट पीटकर मार डालने की घटनाओं में वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि एक केन्द्रीय मंत्री नवादा जेल में हिंसा की घटना के आरोपियों से मिलने गये। उन्होंने कहा कि विदेश में पढ़े एक अन्य केन्द्रीय मंत्री ने इन घटनाओं के आरोपी और जमानत पर छूट कर आये लोगों को मालाएं पहनाकर स्वागत किया।

आजाद ने सरकार से सवाल किया कि क्या वह ऐसी घटनाओं में शामिल अपने मंत्रियों, सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?

राजद के मनोज कुमार झा ने कहा कि सोशल मीडिया पर दुश्मनी की जुबान को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज यह स्थिति हो गयी है कि सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों तक को ट्रोल किया जाता है।

उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि शाब्दिक हिंसा की परिणति शारीरिक हिंसा में होती है। भाकपा के डी राजा ने कहा कि हमारे देश में आज एक अभूतपूर्व स्थिति बन गयी है। सोशल मीडिया पर सामाजिक तनाव और घृणा को प्रोत्साहन देना एक चलन बन गया है। सोशल मीडिया पर राजनीतिक विरोधियों को धमकाया और बदनाम किया जा रहा है।

तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने आरोप लगाया कि भाजपा ने 2014 में आम चुनाव में सोशल मीडिया का दुरूपयोग किया वहीं सपा के जावेद अली खान कहा कि सोशल मीडिया में चलने वाली झूठी खबरों से सांप्रदायिक और धार्मिक सौहार्द्र प्रभावित होता है।

वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी, माकपा के केके रागेश, मनोनीत स्वप्न दासगुप्ता, नरेंद्र जाधव और केटीएस तुलसी, जदयू के रामचंद्र प्रसाद सिंह, अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन और द्रमुक के इलानगोवन ने भी इस मुद्दे पर सरकार से विभिन्न स्पष्टीकरण मांगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sixteen + four =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।