144 साल बाद बना मेले का संयोग इसलिए यह मेला बहुत दिव्य - महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद - Punjab Kesari
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144 साल बाद बना मेले का संयोग इसलिए यह मेला बहुत दिव्य – महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद

स्वामी बालकानंद ने बताया कि यह कुंभ ज्योतिष और नक्षत्रों के हिसाब से अत्यंत दुर्लभ…

आनंद अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के बारे में कहा कि इस बार का कुंभ मेला 144 साल बाद बन रही दुर्लभ स्थिति का परिणाम है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। उनके अनुसार, ज्योतिष और नक्षत्रों के हिसाब से यह मेला अत्यंत दिव्य है।

2019 के कुंभ के मुकाबले इस बार की व्यवस्थाएं और भी बेहतर – महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज

स्वामी जी ने यह भी बताया कि इस बार का कुंभ मेला उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष रूप से आयोजित किया जा रहा है, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह आयोजन पहले से बेहतर और सुव्यवस्थित हो रहा है। 2019 के कुंभ के मुकाबले इस बार की व्यवस्थाएं और भी बेहतर हैं, खासकर डिजिटल कुंभ की पहल से, जिससे युवाओं को मेले से जुड़ा हुआ महसूस हो रहा है और वे इस आयोजन का हिस्सा बन पा रहे हैं।

इस बार का कुंभ मेला विशेष रूप से युवा पीढ़ी के लिए -स्वामी बालकानंद गिरी महाराज

स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने बताया कि इस बार का कुंभ मेला विशेष रूप से युवा पीढ़ी के लिए है, जो सनातन धर्म की जागृति और संस्कृति को समझने के लिए उत्साहित है। उन्होंने कहा कि यह कुंभ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह युवाओं में सनातन धर्म के प्रति जिज्ञासा और शिक्षा का संचार भी कर रहा है। इस आयोजन के माध्यम से युवा पीढ़ी को धर्म, संस्कृति और परंपराओं के बारे में गहरी जानकारी प्राप्त हो रही है, जो उन्हें अपने मूल्यों और संस्कृतियों से जोड़ता है।

कुंभ तो पापों से मुक्ति और शारीरिक रोगों से छुटकारा दिलाने का आयोजन – स्वामी बालकानंद गिरी महाराज

विपक्ष की ओर से सनातन धर्म पर की जा रही टिप्पणियों और राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए सवालों पर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि जो लोग इस पर टिप्पणी कर रहे हैं, उन्हें अपने ज्ञान के आधार पर बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंभ तो पापों से मुक्ति और शारीरिक रोगों से छुटकारा दिलाने का आयोजन है और यह सभी कष्टों को समाप्त करने का कार्य करता है। जो लोग कुंभ के उद्देश्य को नहीं समझ पा रहे हैं, उन्हें ज्ञान का अभाव है।

सनातन धर्म पर बार-बार की जा रही टिप्पणियों पर उन्होंने कहा कि यह राजनीति का हिस्सा है, लेकिन सनातन धर्म खुद जागृत और मजबूत है। उनका कहना था कि सनातन धर्म का स्वरूप और व्यक्तित्व यहां स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है, और उसकी जागृति हो रही है।

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