रायपुर : छत्तीसगढ़ में विधानसभा के बजट सत्र की तैयारियों में जुटी सरकार और प्रशासनिक अमले के पास योजनाओं को अमलीजामा पहनाने की चुनौती होगी। प्रशासनिक स्तर पर सरकार की घोषणाओं को क्रियान्वित करने काफी कम समय होगा। यही वजह है कि प्रशासनिक स्तर पर इसकी अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है।
चुनावी बजट में प्रावधान होते ही घोषणाओं को तत्काल पूरा करने प्रशासनिक अफसरों की भूमिका अहम होगी। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस मामले में अफसरों को कड़े निर्देश भी दिए हैं। वहीं विभागों के कामकाज की लगातार समीक्षा भी हो रही है। जिलों में भी कलेक्टरों के जरिए विशेष तौर पर निर्देशित किया गया है।
चुनावी वर्ष में रमन सरकार की ओर से किसानों को बोनस के साथ स्काई योजना के तहत करीब 45 लाख लोगों को स्मार्ट फोन बांटे जाने कीयोजना अहम होगी। लक्ष्य पूरा करने सरकार की ओर से प्रशासनिक अमले को झोंका जाएगा। वहीं पूर्व की घोषणाओं और अधूरी पड़ी योजनाओं को को पूरा करने पर भी सरकार का जोर होगा। घोषणाओं को पूरा करने के बाद ही सरकार आम लोगों के बीच जाकर वादे दोहरा पाएगी।
सूत्र दावा करते हैं कि योजनाओं की गति के मामले में कुछ जिलों के कामकाज अभी भी संतोषजनक नहीं हैं। यही वजह है कि इन जिलों में विशेष तौर पर फोकस करने कहा गया है। लोक सुराज अभियान के जरिए भी समस्याओं का निराकरण कर आम लोगों को रिझाने सरकार की कोशिशें हो रही है।
इसके बावजूद इन कवायदों में प्रशासनिक अमले की भी भूमिका को ही निर्णायक माना जा रहा है। राज्य में मुख्य बजट प्रस्तुत होने के बाद रमन सरकार के लिए कामकाज करने के मामले में केवल छह माह का ही समय होगा। कम समय में प्रशासनिक कामकाज को पूरा करना भी सरकार के लिए चुनौतियों से भरा होगा। यही वजह है कि खुद मुख्यमंत्री ने सभी योजनाओं की मानिटरिंग की कमान संभाली हुई है।
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