वक्फ एक्ट में बड़े संशोधन की तैयारी में केंद्र, संसद में आज पेश किया जा सकता है बिल The Center Is Preparing For A Major Amendment In The Waqf Act, The Bill Can Be Introduced In Parliament Today
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वक्फ एक्ट में बड़े संशोधन की तैयारी में केंद्र, संसद में आज पेश किया जा सकता है बिल

संसद का बजट सत्र जारी है। आज वक्फ बोर्ड संशोधन बिल समेत कई अहम विधेयक पटल पर रखे जाएंगे। विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों के बीच बीते एक सप्ताह तक चली तीखी बहस के बाद आशंका पूरी है कि सोमवार को भी सदन में हंगामा मचेगा। लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक पेश करेंगी। इसके अलावा कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गोवा विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व को फिर से समायोजित करने के लिए विधेयक पेश करेंगे।

  • संसद का बजट सत्र जारी है
  • आज वक्फ बोर्ड संशोधन बिल समेत कई अहम विधेयक पटल पर रखे जाएंगे
  • सोमवार को भी सदन में हंगामा मचने की उम्मीद है

सरकार की ओर से कुछ भी स्पष्ट नहीं



राज्यसभा में मंगलवार को केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी तेल क्षेत्र संशोधन विधेयक पेश करेंगे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार, वक्फ अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी संसद में पेश कर सकती है, जिससे वक्फ बोर्ड के संपत्ति नामित करने के अधिकार को सीमित किया जा सकता है। इन बदलावों में संपत्ति के दावों के लिए अनिवार्य सत्यापन शामिल होगा। हालांकि, सरकार की ओर से इसे लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है। सोमवार से सत्र शुरू होने से पहले विधायी एजेंडे में इसे लेकर कोई अपडेट भी नहीं किया गया है। रविवार को रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि यह कदम मुस्लिम समुदाय की मांगों के अनुरूप है।

कांग्रेस ने बढ़ाई थीं वक्फ बोर्ड की शक्तियां



ज्ञात हो कि साल 2013 में, कांग्रेस सरकार ने वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधनों के माध्यम से वक्फ बोर्डों की शक्तियों का विस्तार किया था, जो मुस्लिम कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए नामित संपत्तियों को विनियमित करता है। नए संशोधनों का मकसद केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्डों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना, जिला मजिस्ट्रेटों के साथ संपत्तियों की निगरानी के लिए उपाय करना और संपत्ति सर्वेक्षण में देरी को दूर करने जैसी बात शामिल है। इसके अलावा विपक्षी सदस्य राज्यसभा में कृषि और किसान कल्याण, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और सहकारिता सहित कई मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा करने की योजना बना रहे हैं। इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी कर वक्फ बोर्ड अधिनियम में किसी भी प्रकार के संशोधन को अस्वीकार किया गया है। बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद क़ासिम रसूल इलियास ने कहा कि विश्वसनीय जानकारी के अनुसार, भारत सरकार वक्फ एक्ट 2013 में लगभग 40 संशोधन के माध्यम से वक्फ संपत्तियों की हैसियत और प्रकृति को बदलना चाहती है, ताकि उन पर कब्जा करना और उन्हें हड़पना आसान हो जाए। जानकारी के अनुसार, इस प्रकार का विधेयक अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यह स्पष्ट करना आवश्यक समझता है कि वक्फ संपत्तियां मुसलमानों के बुजुर्गों के दिए गए वे उपहार हैं, जिन्हें धार्मिक और चैरिटी के कामों के लिए उपयोग किया जाता है। सरकार ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए वक्फ एक्ट बनाया है। वक्फ संपत्तियों को भारतीय संविधान और शरीयत एप्लीकेशन एक्ट 1937 भी सुरक्षा प्रदान करता है। इसलिए भारत सरकार इस कानून में कोई ऐसा संशोधन नहीं कर सकती, जिससे इन संपत्तियों की प्रकृति और हैसियत ही बदल जाए।

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।