जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर उन्हें डिपोर्ट करने का अभियान तेज कर दिया है। हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अल्पकालिक वीजा पर रह रहे पाकिस्तानियों को 29 अप्रैल तक देश से बाहर करें।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई तगड़े एक्शन लिए हैं। इनमें से एक है पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करना। पहलगाम की बैसरन घाटी मैदान में हुए इस हमले में आतंकियों ने मजहब पूछकर 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के सीएम को निर्देश देते हुए कहा कि अपने यहां अल्पकालिक वीजा पर रह रहे पाकिस्तानियों का पता लगाएं और उन्हें 29 अप्रैल तक डिपोर्ट करें.
पाकिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई
भारत सरकार के इस फैसले के बाद सभी राज्यों ने अपने राज्यों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की मदद से राज्यों की स्थानीय खुफिया इकाई ने शॉर्ट टर्म वीजा रखने वाले पाकिस्तानी नागरिकों का पता लगाना और उन्हें वापस भेजना शुरू कर दिया है।
यूपी सबसे आगे
इस काम में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने दावा किया कि राज्य से पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। आपको बता दें कि यूपी सरकार ने 118 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की थी जो शॉर्ट टर्म वीजा पर राज्य में आए थे।
महाराष्ट से किया गया डिपोर्ट
महाराष्ट में अल्पकालिक वीजा पर रह रहे 55 पाकिस्तानियों को वापस लौटने के लिए कहा गया है। मुंबई से 15 पाकिस्तानी नागरिक डिपोर्ट भी किए जा चुके हैं। मध्य प्रदेश से 228 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस लौटने का निर्देश दिया गया है। वहीं गुजरात सरकार के गृह विभाग ने बताया कि गुजरात में रहने वाले पाक नागरिकों को वापस भेजने के लिए बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। वर्तमान में 438 पाकिस्तानी नागरिक दीर्घकालिक वीजा पर गुजरात में रह रहे हैं, जिन्हें फिलहाल डिपोर्ट करने का निर्देश नहीं है।
दक्षिण भारतीय राज्यों का हाल
दक्षिण भारतीय राज्यों में करीब 600 पाकिस्तानियों को ट्रेस किया गया है। इनमें से कुछ लॉन्ग टर्म कुछ शॉर्ट टर्म वीजा वाले हैं। कर्नाटक सरकार ने राज्य में रह रहे 108 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की है। लेकिन उनमें से 88 भारतीय नागरिकों से विवाहित हैं और उनके पास दीर्घकालिक वीज़ा है और वे समय-समय पर अपने प्रवास परमिट का नवीनीकरण कराते रहते हैं। इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि अल्पकालिक वीज़ा पर कर्नाटक में प्रवेश करने वाले चार से पांच पाकिस्तानी नागरिकों का पता लगा लिया गया है और उनके निर्वासन की कार्यवाही चल रही है।
तमिलनाडु में 200 लोगों पर कार्रवाई
तमिलनाडु में करीब 180-200 पाकिस्तानी नागरिक अल्पकालिक वीजा पर हैं और राज्य सरकार ने उन्हें तत्काल प्रभाव से देश छोड़ने के लिए कहना शुरू कर दिया है। उनमें से अधिकतर लोग मेडिकल वीजा पर राज्य में आए हुए हैं। कई पाकिस्तानी नागरिक चेन्नई और वेल्लोर के अस्पतालों में इलाज के लिए आते हैं और वे 2-3 महीने तक यहीं रहते हैं। उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशनों में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
केरल में अधिक मेडिकल वीजा वाले
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केरल में 102 पाकिस्तानी नागरिक हैं और उनमें से लगभग आधे इलाज के लिए मेडिकल वीजा पर हैं। बाकी लोग व्यवसाय के उद्देश्य से दक्षिणी राज्य में हैं। उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया चल रही है और कुछ को पहले ही वापस भेज दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में हैदराबाद में 208 पाकिस्तानी नागरिक हैं, जिनमें से 156 के पास दीर्घकालिक वीजा (LTV) है, 13 के पास अल्पकालिक वीजा है और 39 मेडिकल वीजा पर आए हैं। वर्तमान में, अल्पकालिक वीजा वाले पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा जा रहा है।
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