सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग द्वारा 2016 में आयोजित 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी की इसमें बड़ी भूमिका है।
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) द्वारा 2016 में आयोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने पाया कि पश्चिम बंगाल एसएससी द्वारा की गई चयन प्रक्रिया बड़े पैमाने पर हेरफेर और धोखाधड़ी पर आधारित थी। बता दें कि शीर्ष अदालत का फैसला पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर आया, जिसमें कलकत्ता उच्च न्यायालय के अप्रैल 2022 के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें राज्य द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए 25,000 से अधिक शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की भर्ती रद्द कर दी गई थी। शीर्ष अदालत ने 10 फरवरी को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
#WATCH दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वक्फ संशोधन विधेयक पर दिए गए बयान पर भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “…ममता बनर्जी की सरकार आगामी चुनावों में राज्य से जा रही है। उन्हें पहले इस पर ध्यान देना चाहिए, वे अपनी सरकार बचा लें…यह बिल पारित हो गया है। गरीब… pic.twitter.com/IaQTqinBnn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 3, 2025
सुवेंदु अधिकारी ने साधा निशाना
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में 25,000 शिक्षकों की नौकरी रद्द होने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार और सीएम ममता बनर्जी उन 25000 लोगों के लिए जिम्मेदार हैं, जिन्होंने आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी नौकरी खो दी है। उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी की इसमें बड़ी भूमिका है। इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें 2016 में एसएससी द्वारा राज्य द्वारा संचालित और राज्य द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने का फैसला सुनाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
बता दें कि सीजेआई संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हमें हाईकोर्ट के उस फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई वैध आधार या कारण नहीं मिला, जिसमें कहा गया था कि दागी उम्मीदवारों की सेवाएं समाप्त की जानी चाहिए। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25,000 शिक्षकों की बर्खास्तगी को बरकरार रखने के बाद बंगाल को बार-बार क्यों निशाना बनाया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) शिक्षक भर्ती घोटाला बंगाल भाजपा नेता पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद सामने आया, जो तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं और 23 जुलाई, 2022 को अपनी गिरफ्तारी तक ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री थे।