स्वयं का रोजगार स्थापित कर स्वावलम्बी बनेंगे युवा - Punjab Kesari
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स्वयं का रोजगार स्थापित कर स्वावलम्बी बनेंगे युवा

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विदिशा: मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को हर वर्ग की चिंता है और वे उनके कल्याण और विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को न केवल रोजगार देने बल्कि युवा स्वयं का रोजगार स्थापित कर दूसरों को रोजगार दे सके, इस काबिल बनाने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना सहित अनेक रोजगार योजनाएं चलाई जा रही हैं।

यह बात वन मंत्री डॉ शेजवार ने जिला स्तरीय मुख्यमंत्री स्वरोजगार तथा कौशल सम्मेलन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जो बच्चे ज्यादा नहीं पढ़ सके हैं, उनको रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल संवर्धन एवं प्रशिक्षण योजना चलाई जा रही है। ताकि वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक युवा में कोई न कोई कौशल अवश्य होता है। उसके इस कौशल का उन्नयन कर रोजगार से जोड़कर स्वावलम्बी बनाना है।

कार्यक्रम में कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे ने कहा कि कौशल संवर्धन योजना के तहत प्रशिक्षण देकर युवाओं को हुनरमंद बनाया जा रहा है। प्रशिक्षण के पश्चात रोजगार स्थापित करने के लिए बैंकों से ऋण एवं सहयोग उपलब्ध कराने के लिए जिला स्तरीय मुख्यमंत्री स्वरोजगार एवं कौशल सम्मेलन आयोजित किया गया है। युवाओं का कौशल उन्नयन कर उन्हें स्वावलम्बी बनाने के लिए मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना चलाई जा रही है। उन्होंने युवाओं से आव्हान किया कि वे स्वयं का रोजगार स्थापित करें।

उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक कल्याण कार्यक्रम के तहत बैंक लिंकेज कर स्वावलम्बी बनाया जा रहा है। जिले में स्व-सहायता समूहों द्वारा बेहतर कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही हमारे जिले के कई युवा स्वयं का उद्यम स्थापित कर अन्य युवाओं को रोजगार प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस मेले में 12 कम्पनियों द्वारा अपने काउंटर लगाए गए हैं, जो अपने यहां रोजगार देने के लिए पंजीयन तथा चयन कर रहे हैं। वन परिसर रायसेन में आयोजित जिला स्तरीय मुख्यमंत्री स्वरोजगार तथा कौलश सम्मेलन में 16 विभागों ने स्टॉल लगाकर स्वरोजगार योजनाओं एवं हितग्राहीमूलक योजनाओं की जानकारी दी।

जिन विभागों द्वारा अपनी विभागीय योजनाओं का प्रदर्शन किया गया उनमें उद्योग विभाग, मत्स्य विभाग, खादी ग्रामोद्योग, अंत्यावसायी निगम, एनआरएलएम, आदिम जाति कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, महिला बाल विकास विभाग, पशुपालन, हाथकरघा एवं शिल्प, नगरपालिका, उद्यान विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, शासकीय आईटीआई के साथ ही बैंक तथा अन्य औद्योगिक संस्थाओं द्वारा स्टॉल लगाए गए। सम्मेलन में 2 करोड़ 71 लाख रूपए के ऋण वितरित किए गए।

इसमें 35 स्व-सहायता समूहों को एक करोड़ 45 लाख रूपए का बैंक लिंकेज कराया गया। साथ ही जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा 9 हितग्राहियों को 78 लाख 21 हजार रूपए का ऋण वितरित किया गया। साथ ही 4 हितग्राहियों को 15 लाख 91 हजार रूपए का ऋण स्वीकृत किया गया।

हाथकरघा विभाग के 14 प्रकरणों में 25 लाख रूपए की राशि वितरित की गई। आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा तीन हितग्राहियों को 7 लाख रूपए की ऋण राशि वितरित की गई। सम्मेलन में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनीता किरार, गैरगंज नगर परिषद अध्यक्ष श्री उत्तमचंद जैन, उदयपुरा जनपद अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह, एसपी जगत सिंह राजपूत, सीईओ जिला पंचायत अमनवीर सिहं बैस भी उपस्थित थे।

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