सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे अमानवीय और निर्मम करार दिया। अदालत की कार्यवाही के दौरान सभी जजों, कोर्ट स्टाफ और वकीलों ने मारे गए निर्दोष लोगों की याद में दो मिनट का मौन रखा। कोर्ट ने पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि यह हमला इंसानियत और जीवन के सम्मान पर सीधा हमला है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गहरी नाराज़गी और संवेदना व्यक्त की। कोर्ट की सभी जजों की ‘फुल कोर्ट’ ने इस हमले को “निर्मम और अमानवीय” करार देते हुए कहा कि यह घटना इंसानियत और जीवन के सम्मान पर सीधा हमला है। लंच के बाद जब अदालत की कार्यवाही दोपहर 2 बजे दोबारा शुरू हुई, तो सभी जजों, कोर्ट स्टाफ और वकीलों ने मारे गए निर्दोष लोगों की याद में दो मिनट का मौन रखा। अदालत ने कहा कि “देश पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ इस असहनीय दुःख की घड़ी में खड़ा है।” पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ यह हमला केवल हिंसा नहीं, बल्कि कश्मीर की खूबसूरती और शांति के प्रति एक सीधा हमला है। इस घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कोर्ट ने उन्हें ‘निर्दोष नागरिक’ बताया जिनकी जान बर्बरता और आतंक के कारण समय से पहले छीन ली गई।
न्यायपालिका ने जताया गहरा शोक
सुप्रीम कोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि यह हमला “हम सभी की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला है” और इससे यह साफ हो गया है कि आतंकवाद किस हद तक अमानवीय हो सकता है। कोर्ट ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे ‘भारतीय मूल्यों और जीवन की पवित्रता’ पर हमला बताया।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी दी प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने भी इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि न्याय के मंदिर में आज सिर्फ कानून की नहीं, बल्कि मानवता की भी बात हो रही है। दोनों संगठनों ने कहा कि ऐसे कृत्य देश की शांति और अखंडता को नुकसान पहुंचाने के लिए किए जाते हैं। यह आतंकी हमला अनंतनाग ज़िले के पहलगाम क्षेत्र के बाईसारन नामक पर्यटन स्थल पर हुआ, जो केवल पैदल या खच्चरों के ज़रिए पहुंचा जा सकता है। आतंकियों ने अचानक गोलीबारी शुरू की, जिसमें कम से कम 26 लोगों की जान चली गई और 15 से अधिक घायल हुए।
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हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली
पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन “द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)” ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जांच एजेंसियों ने इसे एक प्री-प्लांड टारगेटेड अटैक बताया है, जिसका मकसद घाटी की शांति को भंग करना है। गृह मंत्री अमित शाह हमले के तुरंत बाद श्रीनगर पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “आतंक के इस कायराना हमले” के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया है कि आतंकियों को जल्द से जल्द पकड़कर सज़ा दी जाए।